दूसरे राज्यों ने बिना जांच के ही भेज दिया बिहारियों को, अब तक 150 मिले पॉजिटिव
बिहार में अब प्रवासी लोगों से कोरोना पॉजिटिवों की संख्या बढ़ रही है. दूसरे प्रदेशों को अपनी मेहनत से समृद्ध करनेवाले बिहारी मजदूरों व छात्रों को वहां की राज्य सरकारों ने बिना जांच कराये वापस लौटा दिया.
पटना : बिहार में अब प्रवासी लोगों से कोरोना पॉजिटिवों की संख्या बढ़ रही है. दूसरे प्रदेशों को अपनी मेहनत से समृद्ध करनेवाले बिहारी मजदूरों व छात्रों को वहां की राज्य सरकारों ने बिना जांच कराये वापस लौटा दिया. पिछले चार मई से राज्य में विशेष ट्रेनों के माध्यम से बिहारी मजदूर और छात्र लौट रहे हैं, उनमें डेढ़ सौ लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. इसमें सबसे अधिक 41 एनसीआर दिल्ली से आये लाेग हैं. महाराष्ट्र से आये 36, गुजरात से आनेवाले 33 लोग, हरियाणा से आये तीन और तेलंगाना से आये 10 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. अभी तक बिहार में कुल 107 ट्रेनें आ चुकी हैं जिनसे करीब 1.43 लाख प्रवासी लौट चुके हैं.
रैंडम सैंपल की जांच में निकल रहे मरीज प्रवासियों की पहली ट्रेन चार मई को बिहार पहुंची थी. उस दिन राज्य में सिर्फ 11 पॉजिटिव पाये गये थे. तीन दिनों तक राज्य में कोरोना पॉजिटिवों की संख्या दो अंकों तक नहीं पहुंची. जैसे ही तीन दिनों में राहत शिवर और ब्लॉक क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासी स्थिर हुए कि राज्य में कोरोना पॉजिटिवों की संख्या में तेजी से वृद्धि दिखने लगी. इसी का परिणाम है कि राज्य में आठ मई को कुल 29 पॉजिटिव केस पाये गये तो नौ मई को एक दिन में कोरोना पॉजिटिवों की संख्या बढ़कर 32 हो गयी.
बाहर से लौटनेवाले लोगों का शिविरों में लक्षणों के आधार पर और रैंडम सैंपल जांच होने के बाद रविवार को राज्य में तो एक दिन में सर्वाधिक 96 मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. 3474 प्रखंड क्वारेंटिन सेंटर चल रहे राज्य में आपदा राहत के लिए 172 सेंटर स्थापित किये गये हैं और यहां पर अभी तक 72 हजार लोग रह रहे हैं. दूसरी ओर बाहर से आनेवालों के लिए राज्य में 3474 प्रखंड क्वारेंटिन सेंटर स्थापित किये गये हैं जहां पर 98814 लोगों को रखा गया है. राज्य में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राज्य सरकार द्वारा बाहर से बिहारियों को वापस लाने के लिए 169 ट्रेनों की व्यवस्था की गयी है जिसके माध्यम से दो लाख 22 हजार 596 लोगों को वापस लाना है.