कैंपस : जिले के छह लाख में 838 विद्यार्थियों का ही बना अपार आइडी

जिले के सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 12वीं के विद्यार्थियों के तैयार किये जाने वाले अपार आइडी (ऑटोमेटिक परमानेंट एकाउंट रजिस्ट्री) बनाने की गति काफी धीमी है

By Prabhat Khabar News Desk | November 20, 2024 9:21 PM

-15 दिसंबर तक अपार आइडी बनाने का रखा गया लक्ष्यसंवाददाता, पटना

जिले के सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 12वीं के विद्यार्थियों के तैयार किये जाने वाले अपार आइडी (ऑटोमेटिक परमानेंट एकाउंट रजिस्ट्री) बनाने की गति काफी धीमी है. यू-डायस पोर्टल पर सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 6 लाख 29 हजार विद्यार्थियों की प्रोग्रेशन एंट्री अपडेट की गयी है. सभी स्कूलों को कक्षावार प्रत्येक विद्यार्थियों की प्रोग्रेशन एंट्री को अपडेट करना है. विद्यार्थियों की कुल प्रोग्रेशन एंट्री 6 लाख 29 हजार के करीब की गयी है, जिनमें से मात्र 838 विद्यार्थियों की अपार आइडी अब तक तैयार की गयी है. जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से सभी सरकारी और निजी स्कूलों के विद्यार्थियों की अपार आइडी बनाने के लिए 30 नवंबर तक का लक्ष्य रखा गया था. स्कूलों की ओर से अपार आइडी बनाने की धीमी गति को देखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को 15 दिसंबर तक विद्यार्थियों की अपार आइडी कार्ड बनवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

विद्यार्थियों की एकेडमिक डिटेल आसानी हो सकेगी प्राप्त

वन नेशन वन आइडी की तर्ज पर विद्यार्थियों के लिए अपार आइडी तैयार की जा रही है. केंद्र सरकार की ओर से स्कूली बच्चों के लिए अपार आइडी बनाना अनिवार्य कर दिया गया है. अपार आइडी में विद्यार्थियों को 12 अंकों का यूनिक नंबर दिया जायेगा. परमानेंट एजुकेशन नंबर (पीइएन) के तर्ज पर तैयार की जा रही अपार आइडी को आधार कार्ड से भी जोड़ा जायेगा. अपार आइडी की मदद से किसी भी विद्यार्थी की पूरी एकेडमिक डिटेल आसानी से प्राप्त की जा सकेगी. इसके साथ ही विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति को ट्रैक किया जा सकेगा.

रोजगार व करियर के विभिन्न विकल्पों को चुनने में होगी आसानी

जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि अपार आइडी के माध्यम से रोजगार व अन्य नौकरियों में सेवायोजक को आसानी होगी. अपार आइडी के माध्यम से विद्यार्थियों की सभी डिटेल आसानी से देखी जा सकेगी. इसके लिए अलग से सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी. इस आइडी की मदद से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का आकलन बेहतर तरीके से किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही नौकरी में होने वाले फार्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी. अपार आइडी की मदद से पढ़ाई छोड़ देने वाले ड्रॉपआउट बच्चों को भी चिह्नित करने में आसानी होगी.

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