राज्यभर में ओवरलोडेड गाड़ियों की जांच ऑनस्पॉट होगी. इसके लिए परिवहन विभाग अगले माह तक 20 पोर्टेबल वे पैड की खरीद करेगा. यह सभी मशीनें कंप्यूटर से जुड़ी होंगी, जिसे कभी भी किसी भी जगह पर ले जाया जा सकता है. इस मशीन की खरीद के बाद ओवरलोडेड गाड़ियों पर और सख्ती बढ़ जायेगी. अधिकारियों के मुताबिक यह मशीन मोबाइल के तर्ज पर काम करेगी और इसकी निगरानी मुख्यालय से भी करना आसान होगी.
मशीन खरीद के बाद विभाग ओवरलोडिंग गाड़ियों को पकड़ने के लिए अभियान तेजी से चलायेगा. एनएच व एसएच पर गाड़ियों को पकड़ने में पोर्टेबल वे पैड मशीनें सहयोगी होंगी. इसके लिए परिवहन विभाग अधिकारियों को राज्यभर में जिम्मेदारी सौंपेगा कि वे ओवरलोडिंग कर सड़क पर चलने वाली गाड़ियों की धर- पकड़ हर माह नियमित करें.
राज्य में विभिन्न जगहों पर वे-ब्रिज का निर्माण होगा. चेक पोस्टों पर वे-ब्रिज निर्माण के लिए परिवहन विभाग ने अपनी स्वीकृति दे दी है. इसका निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा किया जायेगा. नवादा में रजौली, गोपालगंज में जलालपुर, पूर्णिया में दालकोला और गया के डोभी चेकपोस्ट पर वे-ब्रिज लगाने का प्रस्ताव है. जिन जिलों में सरकारी वे-ब्रिज नहीं है वहां पर जिला परिवहन पदाधिकारी प्राइवेट वे-ब्रिज को संदिग्ध वाहनों (ओवरलोडेड) की जांच के लिए उपयोग कर सकेंगे. दीघा पुल पर ओवरलोडिंग गाड़ियां ना चलें इसके लिए भी वहां वे-ब्रिज का निर्माण किया जायेगा. वे-ब्रिज के बन जाने से ओवरलोडिंग वाहनों पर लगाम लगेगी. इसके साथ ही ओवरलोडिंग की वजह से आये दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आ सकेगी.
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राज्य में अभी कैमूर चेकपोस्ट पर इलेक्ट्रॉनिक वे-ब्रिज लगे हैं. वहां चेकपोस्ट पर इलेक्ट्रॉनिक कांटे के साथ ऑफलोड के लिए गोदाम बने हुए हैं. जैसे ही ओवरलोडेड वाहन चेकिंग प्लाजा से गुजरता है, लाल बत्ती जल जाती है और वाहन का वजन आ जाता है. अधिकारी वाहन चालक से जुर्माना वसूलने के बाद उसे ऑफलोड करके छोड़ते हैं. साथ ही, टैक्स संबंधित विभाग वाहन में लोड हुए माल की बिल्टियों की जांच करते हैं.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan