बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने के कारण सूबे के कई जिलों में ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था चरमराई है. खासकर राजधानी पटना और भागलपुर में इसकी हालत गंभीर बनी हुई है. बीते दिनों हालात ऐसे बिगड़े कि ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं होने का हवाला देकर पटना के प्राइवेट अस्पतालों ने मरीज रखने तक से मना कर दिया. जिसके बाद सरकार व स्वास्थ्य विभाग के तरफ से बैठक कर ताबड़तोड़ फैसले लिए गए. उद्योगों में ऑक्सीजन की सप्लाई अभी रोक दी गई. वहीं राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में अब लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया गया है.
बिहार के विभिन्न जिलों में संचालित हो रहे मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में अब ऑक्सीजन का प्लांट तैयार होगा. सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को सभी जिलों के डीएम के साथ बैठक की. जिसमें ऑक्सीजन की व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा हुई. पटना में ऑक्सीजन की किल्लत खत्म करने झारखंड से तीन टैंकर में रविवार को करीब 45 हजार लीटर तरल ऑक्सीजन मंगाया गया है. जिसके बाद जिले के प्लांटों में इससे सिलेंडर फिलिंग का काम शुरू किया गया.
स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य रखा है कि सोमवार तक कोरोना मरीजों के लिए 6000 ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार कर लिये जाएं. पटना में ऑक्सीजन बनाने वाली तीन प्लांट हैं. इसे अधिक से अधिक सिलेंडर तैयार करने का निर्देश दिया गया है.वहीं नालंदा से भी 364 सिलेंडर पटना मंगाए गए हैं.बिहारशरीफ स्थित नालंदा एयरवे कंपनी से पटना के कई बड़े अस्पतालों को टैग कर दिया गया है.
स्वास्थ्य मंत्री का दावा है कि सोमवार से प्रदेश में ऑक्सीजन की नियमित आपूर्ति शुरू हो जायेगी. सूबे में ऑक्सीजन की अब कोई समस्या नहीं रहेगी. सभी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला कारगर होगा. इस प्लांट को लगाने के लिए एक कंपनी ने दिलचस्पी भी दिखाई है. बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार ने इसपर कई फैसले लिए हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan