पैक्स चुनाव: समय-सीमा बीतने के 28 दिन बाद भी नहीं भेजे गये प्रस्ताव
पैक्स चुनाव को लेकर बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. इस पर बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने संज्ञान लिया है. पैक्स चुनाव में शिथिलता बरतने का आरोप लगाते हुए खेद जताया है.
मनोज कुमार, पटना पैक्स चुनाव को लेकर बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. इस पर बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने संज्ञान लिया है. पैक्स चुनाव में शिथिलता बरतने का आरोप लगाते हुए खेद जताया है. दरसअल, राज्य के सभी 8463 पैक्सों में अधिकतर का कार्यकाल इस साल दिसंबर में पूरा हो रहा है. लगभग 80 से 90 फीसदी पैक्सों में चुनाव होना है. एक सितंबर से 31 दिसंबर तक चुनाव प्रस्तावित है. मगर, चुनाव के लिए अभी तक प्रस्ताव ही बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार को नहीं भेजे गये. प्राधिकार ने एक मई तक चुनाव के लिए प्रस्ताव मांगा था. लगभग 28 दिन बीत जाने के बाद भी राज्य के सभी जिलों से चुनाव का प्रस्ताव नहीं भेजा गया. इसे लेकर प्राधिकार ने 27 मई को सभी जिला सहकारिता पदाधिकारियों को पत्र भेजा है. इसमें जिला सहकारिता पदाधिकारियों के प्रति खेद जताया है. कहा है कि यह कृत्य निर्वाचन कार्य के प्रति शिथिलता को दर्शाता है. 10 जून तक प्राधिकार की वेबसाइट पर निर्वाचन प्रस्ताव अपलोड करने का निर्देश दिया है. लगभग एक करोड़ 40 लाख मतदाता पैक्स की नयी समितियों का चुनाव करेंगे. दूध उत्पादक समितियों और दूध संघों के चुनाव के लिए भी गाइडलाइन जारी की गयी है. पिछले चुनाव की मतदाता सूची के आधार पर होगा चुनाव : बीते चुनाव की मतदाता सूची के आधार पर इस साल चुनाव होगा. इसमें नये मतदाता भी जोड़े जायेंगे. मतदाताओं का नाम भी हटाने की प्रक्रिया होगी. जिन मतदाताओं का नाम हटाया जायेगा, उनका कारण भी बताना होगा. मगर, आधार पिछले चुनाव की मतदाता सूची ही होगी. नया नाम जोड़ने और हटाने के बाद नयी मतदाता सूची तैयार होगी. सूची प्रकाशन के दस दिनों तक नाम जोड़ने-हटाने का होगा आवेदन : 30 दिनों के अंदर निर्वाचन प्रस्ताव की जांच करनी होगी. मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के दस दिन तक नाम जोड़ने, हटाने और शुद्धिकरण के लिए आवेदन लिये जायेंगे. इस पर संबंधित अधिकारी अंतिम निर्णय लेंगे. निर्वाचन संपन्न होने के एक सप्ताह के बाद मतदाता सूची विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी. मतदाता सूची के प्रारूप के लिए विशेष बैठक होगी पैक्स चुनाव की तिथि से कम से कम 180 दिन पूर्व मतदाता सूची का प्रारूप तैयार करने के लिए विशेष बैठक होगी. इसके लिए 15 दिन पहले सूचना दी जायेगी. इसमें प्रखंड के पर्यवेक्षक अनिवार्य रूप से मौजूद रहेंगे. डीएम के अनुमोदन के बाद जिला सहकारिता पदाधिकारी पर्यवेक्षक को नियुक्त करेंगे. दूध उत्पादक समिति के मामले में संबंधित दूध संघ के प्रबंधक निदेशक व डेयरी प्रोजेक्ट के मुख्य कार्यपालक पर्यवेक्षक नियुक्त करेंगे, जबकि दूध संघ के मामले में प्रबंध निदेशक कॉम्फेड पर्यवेक्षक नियुक्त करेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है