बिहार के चार जिले के 6 पैक्सों में चुनाव स्थगित, 1618 पैक्सों में आज से नामांकन
PACS Elections: पहले चरण में होने वोले अरवल जिले के कलेर प्रखंड के इस्माइलपुर कोयल, दूसरे चरण में पूर्वी चंपारण के चकिया प्रखंड के बरमदिया और चौथे चरण में कैमूर जिले के रामगढ़ प्रखंड के अकोढ़ी पैक्स का चुनाव अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया है.
PACS Elections: पटना. राज्य के चार जिलों के छह पैक्सों में चुनाव अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है. बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार की ओर से इस संबंध में रविवार को आदेश जारी किया गया. पांचवें चरण में होने वाले औरंगाबाद के बारूण प्रखंड के बारूण नगर पंचायत पैक्स, तीसरे चरण के औरंगाबाद के ही रफीगंज प्रखंड के कोटवारा और औरंगाबाद प्रखंड के पोइवां पैक्स का चुनाव स्थगित कर दिया गया है. वहीं, पहले चरण में होने वोले अरवल जिले के कलेर प्रखंड के इस्माइलपुर कोयल, दूसरे चरण में पूर्वी चंपारण के चकिया प्रखंड के बरमदिया और चौथे चरण में कैमूर जिले के रामगढ़ प्रखंड के अकोढ़ी पैक्स का चुनाव अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया है.
बिहार के 138 प्रखंडों के 1618 पैक्सों में आज से नामांकन
पहले चरण में राज्य के 138 प्रखंडों के 1618 पैक्सों में चुनाव के लिए सोमवार से नामांकन शुरू होगा. 13 नवंबर तक नामांकन होगा. बीडीओ कार्यालय में प्रत्याशी नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे. पहले चरण में राज्य के सभी 38 जिलों के चिह्नित पैक्सों में नामांकन शुरू हो रहा है. स्क्रूटनी 14 से 16 नवंबर तक होगी. 19 नवंबर को नामांकन वापस लेने और चुनाव चिह्न मिलने की तिथि तय है. 26 नवंबर को मतदान होगा. मतगणना 26 या 27 नवंबर को होगी.
नामांकन को लेकर तैयारी पूरी
नामांकन को लेकर सभी प्रकार की तैयारी पूरी कर ली गई हैं. इस संबंध में आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पैक्स के एक-एक अध्यक्ष के साथ-साथ कार्यकारिणी के एक दर्जन सदस्यों का निर्वाचन किया जाना है. नामांकन को लेकर सभी प्रकार के वैद्य कागजातों के साथ-साथ उम्मीदवारों को 1000 रूपए का नामांकन शुल्क अदा करना होगा. आरक्षित और महिलाओं के लिए यह शुल्क 500 रूपए निर्धारित है. जिला प्रशासन द्वारा पैक्स चुनाव को लेकर सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं. उधर पैक्स निर्वाचन को लेकर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक सरगमियां दिनों दिन बढ़ती जा रही है. बड़ी संख्या में इस मतदान में किस्मत आजमाने वाले उम्मीदवार किसान मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करने में जुट गए हैं. नामांकन के दौरान अधिक से अधिक समर्थकों को प्रखंड मुख्यालय लाने को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है.
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