पटना : इस वर्ष खरीफ मौसम में राज्य में 33 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान, 4.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का, 1.50 लाख हेक्टेयर में दलहनी फसल एवं 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाजों की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस हिसाब से बिहार में 39.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कुल खाद्यान्नों की खेती होगी. इसके अतिरिक्त राज्य में 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में तेलहनी फसलों, 1.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जूट की खेती तथा 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मेस्ता की खेती की जायेगी. सोमवार को कृषि मंत्री डा प्रेम कुमार ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि खरीफ उत्पादन को लेकर मंगलवार को राज्य में पहली बार डिजिटल का
र्यशाला का आयोजन किया जायेगा. मुख्यालय से प्रखंड स्तर पर समीक्षा मंगलवार को राज्य, प्रमंडल, जिला एवं प्रखंडस्तरीय पर खरीफ उत्पादन की समीक्षा के लिए डिलिटल कार्यशाला की शुरुआत होगी. मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा खरीफ मौसम के मद्देनजर खरीफ फसलों की खेती करने के लिए सभी आवश्यक कृषि उत्पादन जैसे बीज, उर्वरक, कीटनाशी आदि की आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं.
इस वर्ष खरीफ मौसम में राज्य में चार लाख 89 हजार छह सौ क्विंटल धान के बीज की आवश्यकता होगी. जिसके विरुद्ध चार लाख 95 हजार नौ सौ 25 क्विंटल बीज उपलब्ध है. इसी प्रकार छह हजार 96 क्विंटल अरहर, 12 हजार पांच सौ 21 क्विंटल उरद, 8 हजार दो सौ 69 क्विंटल सोयाबीन, दो हजार दो सौ 33 क्विंटल मूंगफली तथा एक हजार आठ सौ 73 क्विंटल जूट फसल का बीज उपलब्ध है. खरीफ मौसम में बीज की कोई कमी नहीं है. गौरतलब है कि बिहार राज्य बीज निगम द्वारा बीज के होम डिलिवरी की व्यवस्था की गयी है.