पाल होटल अगलगी कांड में मृत दो और की पहचान, एक आइआरबी जवान और दूसरी बिहार पुलिस में कांस्टेबल

स्टेशन गोलंबर पाल होटल व अमृत होटल अग्निकांड में मृत दो और लोगों की पहचान कर ली गयी है. शनिवार को पुरुष की पहचान औरंगाबाद के ओबरा निवासी व इंडिया रिजर्व बटालियन (आइआरबी) के जवान तेजप्रताप उर्फ बबलू के रूप में हुई.

By Prabhat Khabar News Desk | April 28, 2024 12:49 AM

संवाददाता, पटना

स्टेशन गोलंबर पाल होटल व अमृत होटल अग्निकांड में मृत दो और लोगों की पहचान कर ली गयी है. शनिवार को पुरुष की पहचान औरंगाबाद के ओबरा निवासी व इंडिया रिजर्व बटालियन (आइआरबी) के जवान तेजप्रताप उर्फ बबलू के रूप में हुई. जबकि महिला की पहचान समस्तीपुर के रोसड़ा जेल में तैनात सिपाही प्रियंका कुमारी उर्फ नूतन के रूप में की गयी. प्रियंका कैमूर के कैमूर के भभुआ के अखलासपुर की रहने वाली थी. जबकि तेजप्रताप औरंगाबाद के ओबरा के महुआंव का रहने वाला था. शनिवार को दोनों के परिजन पटना पहुंचे और शवों की पहचान की. इधर, शनिवार को पश्चिम बंगाल की रहने वाली मां-बेटी राज लोखी और राजलक्ष्मी के साथ ही तेजप्रताप और प्रियंका के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है. डीएसपी विधि व्यवस्था कृष्ण मुरारी प्रसाद ने दोनों के पहचान होने की पुष्टि की.

तेजप्रताप था झारखंड के गिरिडीह में तैनात, फर्नीचर व छेका का सामान खरीदने आया था पटना, टैटू से हुई पहचान

तेजप्रताप झारखंड के गिरिडीह में इंडिया रिजर्व बटालियन के जवान के पद पर तैनात था. उसकी पहचान उसके हाथ में बनाये गये टैटू से हुई. उसकी बड़ी बहन अंजली पीएमसीएच में ही जीएनएम के रूप में कार्य कर रही हैं. जबकि मां मंजू देवी अगिआंव पंचायत की सरपंच हैं. जबकि पिता हर्षदेव सिंह किसान हैं. तेजप्रताप 24 अप्रैल को ड्यूटी से छुट्टी लेकर पटना अपनी बहन के पास आया था. लेकिन वह बहन के पास न जाकर कहीं और रुक गया था. 25 अप्रैल की सुबह में वह नाश्ता करने के लिए पाल होटल में गया था. इसी दौरान हुई अगलगी की घटना में मौत हो गयी. तेजप्रताप के पिता हर्षदेव प्रसाद सिंह ने बताया कि गांव में नये घर का निर्माण हो रहा है. उसमें फर्नीचर से संबंधित कुछ सामानों की खरीदारी की जानी थी. साथ ही बहन अंजली की शादी की तैयारी हो रही थी और छेका भी होना था. इसका भी सामान लेना था. फर्नीचर व छेका के सामान को खरीदने के लिए तेजप्रताप पटना गया था. पटना पहुंचने के बाद उसने घटना से पहले बहन से बात की थी और साथ में खरीदारी करने के लिए चलने को कहा था. इस दौरान ही घटना हो गयी और उन लोगों को इसकी कोई जानकारी नहीं थी. तेजप्रताप के मोबाइल पर कॉल नहीं लग रहा था, तो बहन ने अपने गांव पर परिवार से संपर्क किया. इसके बाद खोजबीन शुरू की गयी. इसी दौरान पटना पुलिस द्वारा मृतक की पहचान के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला गया. इधर, उसी पोस्ट के आधार पर अंजलि कुमारी पोस्टमार्टम हाउस पहुंची और शव की पहचान अपने भाई के हाथ में बने टैटू से की. तेज प्रताप सरपंच मंजू देवी व किसान हर्षदेव सिंह का एकलौता पुत्र था. उसकी दो बहनें है. पीएमसीएच पहुंचे परिजन अतुल कुमार ने बताया कि उनकी मां को दो-तीन अज्ञात नंबर से कॉल आया तो उस समय उन्होंने रिसीव नहीं किया. लेकिन जब उन कॉल के संबंध में जानकारी ली तो यह पता ला कि एक नंबर पटना एम्स का था. इसके बाद वे लोग शुक्रवार की शाम ही वहां पहुंचे और सीसीटीवी कैमरा देखने की इच्छा जाहिर की. लेकिन एम्स प्रशासन ने बताया कि आप फुलवारीशरीफ थाने में गुम होने का आवेदन देंगे, तभी सीसीटीवी कैमरा का फुटेज दिखाया जायेगा. इसके बाद फुलवारीशरीफ में आवेदन दिया. एक और नंबर से कॉल आया था और जब उसका लोकेशन निकाला गया तो वह पटना जंक्शन गोलंबर के आसपास का निकला.

दर्जी के पर्ची से हुई पहचान

बताया जाता है कि प्रियंका हाल में ही अपने भभुआ के अखलासपुर स्थित गांव पर आयी थी. उनके पिता का नाम भागवत सिंह है. इसके बाद कुछ काम से पटना आ गयी. इस दौरान पाल होटल में हुए अगलगी में उनकी मौत हो गयी. इसके बाद पुलिस ने उसका बैग, पर्स व अन्य सामान को बरामद किया था. बैग से सिपाही की ड्रेस में उसके कुछ फोटो भी पुलिस को मिले थे. साथ ही पर्स से सीतामढ़ी के एक दर्जी का पर्ची मिला. जिस पर उसका नंबर भी था. इसके बाद कोतवाली पुलिस ने उससे संपर्क किया तो उसने प्रियंका के संबंध में जानकारी दी. साथ ही यह बताया कि प्रियंका ने उनके पास वर्दी सिलने के लिए दी थी. इसके बाद पुलिस ने उसकी पहचान कर ली.

चार की पहले हो चुकी है पहचान

शुक्रवार तक चार की पहचान रोहतास भभुआ के नखतौल निवासी दिनेश सिंह, भोजपुर निवासी रोहित कुमार, पश्चिम बंगाल निवासी मां-बेटी राज लोखी और राजलक्ष्मी के रूप में की जा चुकी है. शनिवार को शेष दो बचे की भी पहचान कर ली गयी.

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