पटना में नौकरी का झांसा देकर लिया पैन व आधार कार्ड और खुलवा लिया खाता, 66 लाख के ट्रांजेक्शन पर चला पता
नागेंद्र ने नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों के खाते खुलवाये और उनमें साइबर क्राइम से जुड़ी रकम को मंगवाया और फिर एटीएम कार्ड से निकाल लिया. टुन्नु साहेब ने पुलिस को जानकारी दी है कि उसकी नागेंद्र से परिचित सुनील कुमार के माध्यम से जान-पहचान हुई थी.
पटना में ठगी का नया मामला सामने आया है. जालसाज नागेंद्र कुमार ने पतंजलि में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर पूर्वी इंदिरा नगर निवासी टुन्नु साहेब का पैन व आधार कार्ड ले लिया और खाता खुलवा दिया. साथ ही चालाकी से खाते का एटीएम कार्ड भी ले लिया. इस दौरान उस खाते में 66 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ, तो बैंक ने खाताधारक टुन्नु साहेब को जानकारी दी. जानकारी पाते ही टुन्नु साहेब के होश उड़ गये और उसने तुरंत ही कंकड़बाग थाने में नागेंद्र कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी.
नालंदा का रहने वाला है आरोपी
पुलिस ने नागेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. यह मूल रूप से नालंदा जिले के थरथरी का रहने वाला है, लेकिन पटना में खेमनीचक मंगल चौक इलाके में एक मकान में किराया लेकर रहता है. नागेंद्र साइबर क्राइम गिरोह से जुड़ा है. पुलिस को उसके मोबाइल फोन से भी कई साइबर बदमाशों के नंबर प्राप्त हुए हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. इधर, नागेंद्र ने एक अन्य को भी नौकरी देने का प्रलोभन देकर उसका दस्तावेज लेकर खाता खुलवाया और फिर उसमें करीब 20 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया.
नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी
नागेंद्र ने नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों के खाते खुलवाये और उनमें साइबर क्राइम से जुड़ी रकम को मंगवाया और फिर एटीएम कार्ड से निकाल लिया. टुन्नु साहेब ने पुलिस को जानकारी दी है कि उसकी नागेंद्र से परिचित सुनील कुमार के माध्यम से जान-पहचान हुई थी. उसने ही यह बताया था कि नागेंद्र पतंजलि में नौकरी लगवाता है और यह भी जानकारी दी कि वह खाता खुलवा कर उसमें ही पैसा मंगवाता है. साथ ही उसने अपने भाई अनिल पासवान को भी नागेंद्र से खाता खुलवाने की जानकारी दी.
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66 लाख के ट्रांजेक्शन पर मामले का हुआ खुलासा
पीड़ित जब नागेंद्र से मिले, तो उसने यह बताया कि मैं पतंजलि का मैनेजर हूं और खाता खुलवाने के लिए पैन व आधार कार्ड ले लिया. दस्तावेज लेने के बाद उसने एक्सिस बैंक में खाता खुलवाया और जब उसका एटीएम कार्ड आया, तो उसे उसने ले लिया. इसके बाद उसने अपने नंबर से एक्सिस बैंक का मोबाइल एप डाउनलोड कर लिया. इसी बीच एक्सिस बैंक से उसे जानकारी दी गयी कि उनके खाते में 66 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है. इसके बाद उसने अपना खाता बंद करा दिया. नागेंद्र ने कई अन्य लोगों के भी खाते खुलवाये और उसमें लाखों का ट्रांजेक्शन किया गया है.