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Panchayat Elections 2021 : बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुटा निर्वाचन आयोग, जानिए अब तक के अपडेट्स

Panchayat Elections In Bihar 2021 कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते खतरों के साथ-साथ भारत में कोविड वैक्सीन की चर्चा के बीच निर्वाचन आयोग ने बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. कोरोना की चुनौतियों के बीच 2.85 लाख पदों के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर पंचायत चुनाव में बूथों का गठन नये मानकों के अनुसार किया जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2020 3:58 PM

Panchayat Elections In Bihar 2021 कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते खतरों के साथ-साथ भारत में कोविड वैक्सीन की चर्चा के बीच निर्वाचन आयोग ने बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. कोरोना की चुनौतियों के बीच 2.85 लाख पदों के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर पंचायत चुनाव में बूथों का गठन नये मानकों के अनुसार किया जाएगा.

इसी कड़ी में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए बूथों की संख्‍या बढ़ाये जाने की भी चर्चा है. मिल रही जानकारी के अनुसार, राज्य निर्वाचन आयोग ने रविवार को सभी जिलों के जिलाधिकारियों से कई तरह के सुझाव मांगे हैं. आयोग ने जिलों से पूछा है कि कितने चरणों में चुनाव कराना अच्छा होगा. अनुमंडल स्तर पर ईवीएम (EVM) वेयर हाउस की क्या व्यवस्था हो सकती है. सुरक्षा के लिहाज से कितने केंद्रीय पुलिस बल की जरूरत होगी.

जानकारी के मुताबिक, अगले वर्ष अप्रैल-मई में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है. बताया जा रहा है कि 2016 के पंचायत चुनावों को अप्रैल-मई में 10 चरणों में आयोजित किया गया था और यह जून के मध्य तक जारी रहा था. इस बार पंचायत चुनावों में 1.19 लाख तक मतदान केंद्र हैं. इसकी कुल संख्या भी बढ़ने की संभावना है. वहीं, प्रत्येक बूथ में अधिकतम मतदाताओं की संख्या 700 तक हो सकती है.

गौर हो कि इस बार प्रदेश सरकार बिहार में ईवीएम के जरिये पंचायत चुनाव 2021 कराने पर विचार कर रही है. हाल ही में एसईसी ने भी पंचायती राज विभाग को ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराने का प्रस्ताव भेजा है. प्रस्ताव में तर्क दिया गया कि ईवीएम से चुनाव में अधिक पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा मतगणना विसंगतियों और इसमें धांधली की भी जांच हो सकेगी.

ईवीएम के माध्यम से यदि पंचायत चुनाव आयोजित होता है तो त्रिस्तरीय ग्रामीण स्थानीय निकायों में 2.58 लाख पदों को भरने के लिए यही पहला इलेक्ट्रॉनिक मतदान प्रयोग होगा. एक प्रमुख हिंदी दैनिक अखबार में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि 2016 के पंचायत चुनावों में राज्य सरकार ने 250 करोड़ रुपये खर्च किए थे.

उल्लेखनीय है कि 2016 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 10 चरणों में सभी 38 जिलों में चुनाव संपन्न हुआ था. आयोग ने इस बार नौ चरणों में अधिकतम कार्यक्रम तय कर प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है. त्रिस्तरीय पंचायतों में 2.58 लाख पदों पर चुनाव होना है. इस बार चुनाव में जिला परिषद सदस्य के 1161, पंचायत समिति सदस्य के 11497, ग्राम पंचायत मुखिया के 8386, ग्राम कचहरी सरपंच के 8386, ग्राम पंचायत सदस्य के 1.14 लाख पद हैं. ग्राम कचहरी पंच के लगभग 1.14 लाख हैं.

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