पटना : सरकार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी करने के साथ ही पेंशन भी देने पर विचार कर सकती है. सोमवार को विधान परिषद में सदस्यों की मांग पर प्रभारी मंत्री अशोक चौधरी ने सरकार का पक्ष रखा. प्रभारी मंत्री ने सदन को विस्तार से बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय आदि में कब और कितनी वृद्धि हुई. उन्होंने कहा कि सरकार 2013 में ही सभी भत्तों की जगह मासिक मानदेय निर्धारित कर चुकी है.
पूर्व में मिलने वाले भत्तों से यह दोगुना है. प्रभारी मंत्री ने कहा कि सदस्यों ने जो भी सुझाव और सूचनाएं दी हैं, सरकार उनकी समीक्षा करेगी. उसके बाद ही निर्णय लेगी. पंचायतों के वार्डों में गठित वार्ड क्रियान्वयन समिति के सचिव के स्थान पर समिति के ही खाते में विकास राशि देने पर भी विचार किया जायेगा.
विधान परिषद में कार्यवाही के दौरान सबसे अधिक बहस त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में विकास राशि के प्रबंधन और प्रतिनिधियों के मानदेय- पेंशन को लेकर हुई. करीब ढाई लाख पंचायत प्रतिनिधि और 8386 पंचायतों से सीधे जुड़े इस मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष एक सुर में सरकार पर अपनी मांग पूरा कराने को दबाव बनाते नजर आये. शुरुआत राजेश राम ने ध्यानाकर्षण लाकर की.
कहा-वार्ड क्रियान्वयन समिति के सदस्य व वार्ड सदस्यों के बीच टकराव होने के कारण सात निश्चय योजना के काम पिछड़ रहे हैं. विकास भी बाधित हो रहा है. इसलिए वार्ड क्रियान्वयन समिति के सचिव के स्थान पर समिति के ही खाते में विकास राशि दी जाये. राजन कुमार सिंह ने पंचायत प्रतिनिधियों के वेतन बढ़ोतरी के साथ- साथ पेंशन देने के मामले में सरकार से जवाब मांगा.
मानदेय में बढ़ोतरी पर भी राज्य सरकार कर सकती है विचार
वार्ड क्रियान्वयन समिति के सचिव के स्थान पर समिति के ही खाते में राशि देने की मांग
प्रभारी मंत्री अशोक चौधरी बोेले, सदस्यों के सुझावों की सरकार करेगी समीक्षा, फिर लेगी निर्णय
अभी किसको कितना मिलता है मानदेय
जिला पर्षद अध्यक्ष 12,000
जिला पर्षद उपाध्यक्ष 10,000
पंचायत समिति के प्रमुख 10,000
पंचायत समिति के उपप्रमुख 5,000
मुखिया 2,500
उपमुखिया 1200
सरपंच 2,500
उप सरपंच 1200
जिला पर्षद सदस्य 2,500
पंचायत समिति सदस्य 1,000
ग्राम पंचायत सदस्य 500
ग्राम पंचायत कचहरी सदस्य 500