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सिकंदर यादवेंदु की गिरफ्तारी से खुली पेपर लीक की पोल

नीट यूजी 2024 के कथित पेपर लीक का खुलासा सिकंदर यादवेंदु की गिरफ्तारी से हुआ.

संवाददाता, पटना. नीट यूजी 2024 के कथित पेपर लीक का खुलासा सिकंदर यादवेंदु की गिरफ्तारी से हुआ. दरअसल पांच मई , 2024 को चल रही नीट यूजी परीक्षा के दिन पटना के शास्त्रीनगर थाना की पुलिस को सूचना मिली कि एक संगठित गिरोह ने परीक्षा संचालन करने वाले कर्मियों के साथ मिलीभगत करके प्रश्नपत्र लीक कर दिया है. इसके बाद शास्त्रीनगर पुलिस ने संदेह के आधार पर बेली रोड के समीप से जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु को गिरफ्तार किया. उसकी गाड़ी की तलाशी में डैश बोर्ड सेल्फ से चार नीट अभ्यर्थी अभिषेक कुमार, शिवनंदन कुमार, आयुष राज और अनुराग यादव के एडमिट कार्ड मिले. सिकंदर की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में जानकारी मिली कि कुछ अभ्यर्थी पटना के विभिन्न सेंटरों पर परीक्षा दे रहे हैं. पूछताछ में सिकंदर ने बताया कि इन सभी विद्यार्थियों को उसने अलग-अलग सेंटरों पर परीक्षा देने के लिए पहुंचाया है. एक परीक्षार्थी आयुष बोर्ड कॉलोनी स्थित डीएवी स्कूल में परीक्षा दे रहा था, तो पुलिस वहां फौरन पहुंच गयी और परीक्षा देकर निकलते ही गिरफ्तार कर लिया. आयुष ने पूछताछ में कबूल किया कि चार मई की रात ही उसे पटना के रामकृष्णा नगर के खेमनीचक स्थित लर्न ब्यॉज हॉस्टल एंड प्ले स्कूल में ले जाकर प्रश्नपत्र उत्तर याद करने के लिए कहा गया था. आयुष के साथ ही तीन और नीट परीक्षार्थियों अनुराग यादव, अभिषेक कुमार व शिवनंदन कुमार को भी परीक्षा के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने पुलिस को बताया था कि जो प्रश्नपत्र उत्तर दिया गया था, वह परीक्षा के सभी प्रश्न शत-प्रतिशत मिले. उनकी तरह 20-25 अन्य अभ्यर्थियों को भी प्रश्नपत्र उत्तर सहित दिया गया तथा उन्हें रटवाया गया था. पटना पुलिस की विशेष टीम ने सेटर अमित आनंद और नीतीश कुमार को भी शास्त्रीनगर के एजी कॉलोनी स्थित फ्लैट से गिरफ्तार किया. उनसे मिली जानकारी के आधार पर रामकृष्णा नगर के लर्न ब्यॉज हॉस्टल एंड प्ले स्कूल में जांच की गयी, जहां से प्रश्न पत्र का अधजला बुकलेट बरामद किया गया था. मामले में सेटर, परीक्षार्थी और अभिभावक समेत कुल 13 लोग गिरफ्तार किये गये हैं. …………… नीट यूजी मामले में अब तक का घटनाक्रम : पांच मई : शास्त्रीनगर थाने में एफआइआर दर्ज. बरामद साक्ष्य और छानबीन में मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस की विशेष टीम पटना के अलग अलग थाना क्षेत्र में छापेमारी करना शुरू की. 10 मई : इओयू ने तकनीकी सहयोग दिया 17 मई : इओयू ने नेट पेपर लीक की जांच संभाल ली. डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया. 12 जून : इओयू ने एनटीए से नीट प्रश्नपत्र की मांग की, ताकि प्रश्नों का मिलान हो सके. करीब तीन बार रिमांडर के बाद नौ अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड एनटीए ने भेजे. 18 और 19 जून : इओयू ने नौ अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए बुलाया. नोटिस के बावजूद 19 जून को सिर्फ दो छात्राएं ही पूछताछ के लिए अभिभावकों के साथ आयीं. इसमें बख्तियारपुर और समस्तीपुर की दोनों छात्राएं थी. 20 जून : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मांगी जांच रिपोर्ट 22 जून : झारखंड के हजारीबाग व देवघर में छापेमारी. देवघर में एक किराये के कमरे से छह लोगों को हिरासत में लिया गया. देर रात शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआइ को सौंपी जांच की जिम्मेदारी.

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