‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ के बहाने गिरिराज सिंह पर भड़के पप्पू, भूमिहार से जुड़े सवाल पर देखिए वीडियो क्या बोले

'हिंदू स्वाभिमान यात्रा' के बहाने पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव गिरिराज सिंह को खरी खोटी सुना दी. उन्होंने कहा कि तीन बार से केंद्र में मंत्री हैं. सबसे पहले इसका जवाब दें कि मंत्री रहते उन्होंने बिहार के लिए क्या कुछ किया है

By RajeshKumar Ojha | October 19, 2024 9:31 PM
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‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ को लेकर शनिवार को सांसद यादव ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि इस देश में 122 करोड़ हिन्दू हैं. आगे उन्होंने कहा कि ‘अगर इस देश में हिन्दू खतरे में है तो 56 इंच वाले को आगे आना चाहिए. जब इजरायल हमास को मिटा सकता है तो तो पाकिस्तान को मिटाने में इनको क्या डर है?

आगे उन्होंने कहा कि सनातन खतरे में नहीं है, महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में इन लोगों की सत्ता खतरे में दिखाई दे रही है.पप्पू यादव ने आगे कहा कि गिरिराज सिंह अगर नफरत पैदा करेंगे तो मैं इनकी यात्रा के आगे सो जाउंगा. केंद्रीय मंत्री हो चाहे भगवान नफरत पैदा करेंगे तो चलने नहीं देंगे.’पप्पू यादव ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे अपनी यात्रा के माध्यम से कोसी और सीमांचल क्षेत्र में धार्मिक तनाव उत्पन्न करना चाहते हैं, लेकिन मैं बिहार की जनता को आश्वस्त करना चाहता हू कि मेरे रहते गिरिराज सिंह के मंसूबे सफल नहीं होंगे.

पप्पू यादव ने आगे कहा कि बिहार में तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल के तर्ज पर शराबबंदी कानून बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की शराब की पॉलिसी सही नहीं हैं. सीवान में जहरीली शराब से सैकड़ों लोगों की जानें जा चुकी हैं, लेकिन, बिहार सरकार अभी तक पीड़ित परिवारों को कोई भी सहायता नहीं प्रदान कर पायी है, जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि सीवान और छपरा में अब तक एक सौ तेरह लोगों की मौत जहरीली शराब से हो चुकी है. छपरा-सीवान के डीएम एवं एसपी खुद बैठ कर लाशों को जला रहे हैं. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्यों इतनी जल्दी जबरदस्ती लाशों को जलाया गया है.

जब चाचा- भतीजा सरकार में थे. तब भी जहरीली शराब से मौतें हो रही थीं. तब कोई शराब में जहर था.इस कांड में पक्ष और विपक्ष के सभी नेता और अधिकारी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अगर गांवों में शराब बन रही है, तो इसकी जानकारी मुखिया, सरपंच, पंचायत सचिव, थानेदार को नहीं हो, यह मुमकिन नहीं है.

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