उपचुनाव में कम वोटिंग से सकते में पार्टियां
बिहार विधानसभा की चार सीटों तरारी,रामगढ़,इमामगंज और बेलागंज के उपचुनाव के दौरान बुधवार को हुआ मतदान सियासी दलों को सकते में डालने वाला है.
– पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में मतदान में आयी अच्छी-खासी कमी
संवाददाता,पटनाबिहार विधानसभा की चार सीटों तरारी,रामगढ़,इमामगंज और बेलागंज के उपचुनाव के दौरान बुधवार को हुआ मतदान सियासी दलों को सकते में डालने वाला है. सियासी जानकारों के अनुसार इस बार का मतदान ट्रेंड एनडीए और महागठबंधन की नींद उड़ाने वाला है. दरअसल वर्ष 2020 में हुए विधानसभा चुनाव से तुलना करें तो इन चारों सीटों पर मतदान का प्रतिशत अच्छा-खासा घट गया है. मतदान का घटा हुआ यह प्रतिशत किस करवट बैठेगा?, इसका अनुमान लगाना एनडीए और महागठबंधन के थिंक टेंक के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि तुलनात्मक रूप में कम मतदान, मतदाताओं की नाराजगी जरूर बताता है.
सियासी विश्लेषकों के मुताबिक घटते मतदान के संदर्भ में सबसे बड़ी चुनौती एनडीए और महागठबंधन दोनों के सामने है. अव्वल तो तरारी, रामगढ़ और बेलागंज में महागठबंधन प्रत्याशी पिछली बार विधायक रहे हैं. चूंकि महागठबंधन विपक्ष में है. उसके सामने अपनी साख कायम रखने की चुनौती है. दूसरे एनडीए को अपनी खोयी प्रतिष्ठा बहाल करने की चुनौती है. फिलहाल घटा मतदान दोनों के लिए चिंता का सबब बन सकता है.
विशेष तथ्य— तरारी और बेलागंज विधानसभा को छोड़ दें, तो हालिया लोकसभा चुनाव में रामगढ़ और इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में बुधवार को हुई वोटिंग की तुलना में अधिक वोट पड़े थे. हालिया लोकसभा चुनाव के दरम्यान रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 58.68 % वोटिंग हुई थी. इस बार उससे करीब 4.66% कम 54.02 % मतदान हुआ. इसी तरह लोकसभा से तुलनात्मक रूप में इमामगंज विधानसभा की तुलना में इस बार 0.67 प्रतिशत वोट कम पड़े हैं. तरारी में वोट प्रतिशत जस का तस रहा है. बेलागंज विधानसभा में लोकसभा चुनाव के दौरान केवल 52.10 % वोटे पड़े थे. इस बार करीब चार प्रतिशत अधिक अधिक वोटिंग हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है