Bihar Election 2025: पशुपति पारस का ऐलान, इतनी सीटों पर लड़ेंगे चुनाव, चिराग की बढेंगी मुश्किलें

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस एलजेपी (रा) के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों की संख्या को लेकर घोषणा कर दी है.

By Paritosh Shahi | February 13, 2025 2:54 PM

Bihar Election 2025: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के चीफ पशुपति कुमार पारस ने बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. पारस ने कहा कि हमारी पार्टी राज्य के हर बूथ पर संगठन खड़ा करेगी और बूथ लेवल ऑफिसर नियुक्त करेगी. बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे पारस ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों से कहा कि अपने आवास पर पार्टी का झंडा और नेमप्लेट लगाएं.

14 अप्रैल को पटना में एक बड़ी रैली आयोजित करेगी रालोजपा

पार्टी कार्यालय में आयोजित दो दिवसीय जिलाध्यक्ष और राज्य पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए पशुपति कुमार पारस ने कहा कि अप्रैल माह तक पार्टी प्रत्येक विधान सभा में कार्यकर्ता सम्मेलन करेगी और 14 अप्रैल को पटना में एक बड़ी रैली आयोजित करेगी. 14 अप्रैल को दलित सेना के नेतृत्व में भारत रत्न डा बाबा भीम राव अंबेदकर की जंयती आयोजित कर दलितों के एक जुटता का संदेश देगी. पारस ने कहा दलित उत्पीडन,चौकीदार- दफादार का शोषण और पासी समाज के पुस्तैनी व्यवसाय ताडी उत्पादन एवं विपणन का अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करेगी.

राजनीतिक ठिकाना तलाश रहे हैं पारस

पशुपति कुमार पारस पारस ने 2021 में लोजपा में सेंध लगाते हुए चिराग पासवान के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था. उन्होंने रामविलास पासवान के असली उत्तराधिकारी पद पर भी दावा ठोका था. इस बगावत की वजह से लोजपा दो धड़ों में बंट गई. पशुपति पारस एनडीए में आ गये और नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्री बने. इसको देखते हुये चिराग पासवान बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट नाम से यात्रा पर निकल पड़े. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने दोनों गुटों को जोड़ने की कवायद की, लेकिन पारस ने समझौते से इनकार कर दिया. आखिर में भाजपा ने पारस को छोड़ चिराग पासवान को अपने साथ ले लिया.

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चिराग की बढ़ा सकते हैं मुश्किलें

चिराग को लोकसभा में समझौते के तहत कुल पांच सीटें मिली. चिराग इन पांचों ही सीटों पर जीतने में कामयाब रहे. पारस नहीं लड़ पाये चुनाव पशुपति पारस न तो लोकसभा लड़े और न ही किसी दूसरे गठबंधन में शामिल हुए. लोकसभा चुनाव के बाद पारस अपना राजनीतिक ठिकाना तलाश रहे हैं. पिछले दिनों पारस ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलकर एक नया राजनीतिक संदेश दिया है. पारस कई मौकों पर कह चुके हैं कि उनके बड़े भाई ने उन्हें अपना राजनीतिक उतराधिकारी बनाया था, लेकिन साजिश के तहत उनकी पार्टी को बर्बाद की जा रही है. पारस इस चुनाव में पूरी कोशिश करेंगे कि किसी भी हाल में चिराग पासवान के वोटबैंक में सेंध लगाये और बिहार की राजनीति में एक बार फिर चमके.

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