पटना. नये साल में जनवरी से राज्य के सरकारी अस्पतालों की भांति अब इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस),पटना में इलाज करानेवाले सभी मरीजों को अब मुफ्त में दवाएं मिलेंगी. यहां पर इलाज करानेवाले सभी मरीजों की मुफ्त में जांच और ऑपरेशन की सुविधा दी जायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 25 सितंबर में कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव की स्वीकृति दी गयी थी. अब स्वास्थ्य विभाग चार दिसंबर को आइजीआइएमएस में मुफ्त दवा देने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देगा. आइजीआइएमएस में मुफ्त दवा और जांच सुविदा देने को लेकर बीएमएसआइसीएल के साथ आवश्यक दवाओं और उपकरणों की सूची तैयार की जायेगी. साथ आइजीआइएमएस को बीएमएसआइसीएल के डैशबोर्ड से लिंक किया जायेगा. इससे दवाओं की आपूर्ति और मांग की प्रक्रिया ऑनलाइन हो जायेगी.
मरीजों को औसतन 20-25 हजार का लाभ होगा
जानकारों का कहना है कि राज्य सरकार के इस निर्णय से ओपीडी में इलाज करानेवाले मरीजों को औसतन 10 हजार और भर्ती होकर इलाज करानेवाले मरीजों को औसतन 20-25 हजार का लाभ होगा. साथ ही ऑपरेशन करानेवाले मरीजों को भी मुफ्त सेवा का लाभ मिलेगा. सरकार का अनुमान है कि आइजीआइएमएस में इलाज करानेवाले मरीजों को दवा,जांच और ऑपरेशन पर करीब 60 करोड़ सलाना खर्च होगा. अब इस संस्थान को बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के माध्यम से दवा और चिकित्सा सामग्रियों की आपूर्ति की जायेगी. आइजीआइएमएस में सिर्फ रजिस्ट्रेशन फीस और प्राइवेट वार्ड या डिलक्स वार्ड में भर्ती मरीजों को बेड का चार्ज और अन्य शुल्क लगेगा. विभाग द्वारा इस दिशा में उच्चस्तरीय समीक्षा की जा रही है.
जिलों में स्थापित होगी डेटा प्रबंधन इकाई, स्वास्थ्य सेवाओं की होगी मानीटरिंग
स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों को दी जानेवाली सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में नयी पहल की जा रही है. राज्य के सभी 38 जिलों में डाटा प्रबंधन इकाई का गठन किया जायेगा. इससे मरीजों को अस्पतालों में दी जानेवाली सेवाओं की मॉनिटरिंग की जायेगी. डाटा प्रबंधन इकाई जिला अस्पतालों से लेकर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक लोगों को दी जा रही सेवाओं की मासिक जानकारी पोर्टल पर अपलोड करेगी. इसके आधार पर विभिन्न योजनाओं और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
डाटा प्रबंधन इकाई गठन का जिम्मा राज्य स्वास्थ्य समिति को
स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जिलों में डाटा प्रबंधन इकाई गठन का जिम्मा राज्य स्वास्थ्य समिति को दिया गया है. इसको लेकर समिति ने निजी क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसी के चयन के लिए निविदा जारी की दी है और आगे की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कई स्वास्थ्य योजनाएं संचालित हैं. इनके अतिरिक्त राज्य सरकार के स्तर पर सभी श्रेणी के अस्पतालों में विभिन्न प्रकार की सेवाएं रोगियों को प्रदान की जा रही हैं. डाटा प्रबंधन इकाईयों के डेटा के आधार पर पूर्व से निर्धारित मानकों पर सेवाओं को परखा जायेगा. साथ ही जहां सुधार या बेहतरी के लिए कदम उठाने की जरूरत होगी वह काम भी किया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग की टीम जिलों से मिले डेटा का विश्लेषण करेगी और जहां-जहां योजनाओं में हस्तक्षेप की जरूरत होगी हस्तक्षेप के लिए सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी. अगले वर्ष की शुरुआत के साथ जिलों में डाटा प्रबंधन इकाई के सक्रिय हो जाने की संभावना है.