Patliputra University : नौकरी करने वालों को Ph.d. शोध के लिए लेना होगा अवकाश

कुलपति ने कहा कि शोध की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा. शोध प्रारूप से लेकर शोध प्रबंध लेखन तक यूजीसी और राजभवन सचिवालय बिहार सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का पूरी तरह अनुपालन किया जायेगा. शोध-निर्देशक और विभागाध्यक्ष इसे सुनिश्चित करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2022 1:03 AM

पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी (पीपीयू) में सोमवार को कुलपति के साथ सभी संकायाध्यक्षों और विभागाध्यक्षों की बैठक हुई. बैठक में पीपीयू सत्र 2021-24 में पीएचडी शोध के लिए पंजीयन, शोध-प्रारूप की स्तरीयता, शोध-निर्देशक की नियुक्ति और शोध निर्देशकों के अधीन रिक्तियों पर बात हुई. बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो आरके सिंह ने की. कुलपति ने कहा कि शोध की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा. शोध प्रारूप से लेकर शोध प्रबंध लेखन तक यूजीसी और राजभवन सचिवालय बिहार सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का पूरी तरह अनुपालन किया जायेगा. शोध-निर्देशक और विभागाध्यक्ष इसे सुनिश्चित करेंगे. शोध रेगुलर मोड में होगा. वैसे अभ्यर्थी जो कहीं किसी विभाग में सेवारत हैं, उन्हें अपने नियोक्ता विभाग से शोध की पूर्ण अवधि तक अवकाश लेना अनिवार्य होगा. उन्हें शपथ पत्र देना होगा कि वे शोध अवधि में कहीं सेवा नहीं दे रहे हैं. जेआरएफ फेलोशिप प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों का रजिस्ट्रेशन विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभाग में किया जायेगा.

22 जनवरी को सभी शोधार्थियों को जमा करना होगा शोध प्रारूप

शोधार्थियों के लिए आवश्यक है कि वे शोध के लिए इच्छित और चयनित टाइटल से संबंधित पाठ्य सामग्री नेट से, पत्र-पत्रिका और पुस्तकों से न्यूनतम 100 शोध लेख आदि संकलित कर अपने शोध निर्देशक से संपर्क कर मौलिक विषय पर शोध-प्रारूप तैयार कर 22 जनवरी 2023 तक संबंधित विभाग में जमा करेंगे. प्राप्त प्रारूप पर विचार करने के लिए विभागीय शोध परिषद की बैठक 27 से 30 जनवरी 2023 के बीच संकायवार आयोजित की जायेगी. संतोषजनक शोध-प्रारूप नहीं होने की स्थिति में उसे रद्द कर दिया जायेगा. अपेक्षित संशोधन के लिए एक सप्ताह का समय दिया जायेगा. इस पर विचार करने के लिए फरवरी के प्रथम सप्ताह में विभागीय शोध परिषद उसका अनुमोदन करेगा. यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी सत्र 2022-25 से संबद्ध महाविद्यालयों के पीएचडी उपाधि-धारक नियमानुसार नियुक्त और नियमित शिक्षक भी शोध निर्देशन कर सकेंगे.

एमयू वाले जो शोध कार्य पूरा नहीं कर पाये उन्हें मिलेगा अवसर

वैसे शोधार्थियों की समस्याओं पर भी विचार किया गया, जिन्होंने पाटलिपुत्र के गठन के पूर्व मगध विश्वविद्यालय में अपना कोर्स वर्क तो पूरा कर लिया, किंतु अनेक कारणों से निर्धारित अवधि में शोध कार्य संपन्न नहीं कर पाये, उन्हें अपने शोध कार्य को पूरा करने का अवसर प्रदान किया गया है. अंतर्विषयी विषयों का भी रजिस्ट्रेशन पीपीयू के मान्य नियमों से किया जायेगा.

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पीजीआरसी की बैठक में शोधार्थियों को देना होगा प्रजेंटेशन

विभागीय परिषद की अनुशंसाओं पर विचार के लिए 10 से 15 फरवरी, 2023 के बीच पीजीआरसी की बैठक होगी. पीजीआरसी की बैठक में कुलपति के समक्ष शोधार्थियों को अपने शोध प्रारूप पर प्रजेंटेशन देना होगा. बैठक में पीएचडी के ओएसडी प्रो प्रधान डीएस प्रसाद ने पीएचडी से संबंधित नियमों-परिनियमों को विस्तार से बताया. संकायाध्यक्ष प्रो एके नाग, प्रो रामकिशोर सिंह, प्रो रिमझिम शील, प्रो अनिल कुमार, प्रो ब्रजेशपति त्रिपाठी, प्रो छाया सिन्हा, प्रो अशोक कुमार यादव आदि ने भी अपने विचार रखें. अंत में कुलसचिव डॉ जितेंद्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

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