पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को वित्तीय पात्रता दिलाने के लिए सरकार उसे 10 एकड़ जमीन देने जा रही है. शिक्षा विभाग ने पाटलिपुत्र विव को बख्तियारपुर में जमीन उपलब्ध कराये जाने के लिए पत्र लिखा है. यह जमीन रेलवे स्टेशन के पास ही इंजीनियरिंग कॉलेज के निकट है. विश्वविद्यालय और सरकारी अफसरों की संयुक्त टीम वहां भ्रमण भी कर चुकी है.
स्थापना के चार साल बाद भी नहीं मिल सकी वित्तीय पात्रता
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की स्थापना के चार साल बाद भी जमीन के अभाव में यूजीसी की तरफ से दी जाने वाली वित्तीय पात्रता नहीं मिल सकी है. इसके चलते यूजीसी की तरफ से आधारभूत संरचना विकास के लिए किसी तरह का वित्तीय सहयोग नहीं मिला है. विश्वविद्यालय की परेशानी यह भी है कि उसके प्राध्यापकों को रिसर्च प्रोजेक्ट और दूसरी वित्तीय सहायता नहीं मिल पा रही है.
जमीन मिलने के बाद यूजीसी से मान्यता के लिए आवेदन किया जायेगा
विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ जितेंद्र कुमार का कहना है कि जमीन मिलने के बाद यूजीसी से मान्यता के लिए आवेदन किया जायेगा. अभी हमने इस मान्यता के लिए आवेदन नहीं किया था क्योंकि हम यूजीसी की जमीन उपलब्धता संबंधी शर्त पूरी नहीं कर पा रहे थे. कुलसचिव ने बताया कि जमीन संबंधी शर्त को हमें शिक्षा विभाग ने 10 एकड़ जमीन आवंटित करने की बात तो कही है,लेकिन अभी जमीन हमें सौंपी नहीं है. यूजीसी के विशेष परिनियम के तहत 12 बी की मान्यता पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को नहीं मिल सकी है.
नालंदा के बड़गांव में बनेगा नालंदा ओपेन विवि का भवन व कैंपस
नालंदा ओपन विश्वविद्यालय भी नालंदा के बड़गांव में विस्थापित किये जाने का निर्णय लिया जा चुका है. वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर बन चुका है. कुछ औपचारिकताएं बाकी रह गयी हैं. विश्वविद्यालय के सूत्र बताते हैं कि मार्च शुरुआत में एनओयू वहां चला जायेगा. हालांकि, पटना में कुछ समय के उसका एक कार्यालय खुला रखा जा सकता है.
https://www.youtube.com/watch?v=4aPMeHivl9w