Patna News: पटना डीएम के निर्देश पर कोचिंग संस्थान पर बढ़ी सख्ती, जानें 138 संस्थानों को लेकर क्या दिया निर्देश

Patna News पटना के डीएम ने कहा कि कुछ दिन पूर्व कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई थी तथा उनका पक्ष भी सुना गया था. उनकी माँग के अनुसार उन्हें समय दिया गया था. इसके बाद भी...

By RajeshKumar Ojha | December 31, 2024 9:31 PM

Patna News पटना के जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को पटना समाहरणालय स्थित सभागार में बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत गठित जिला-स्तरीय कोचिंग निबंधन समिति की बैठक हुई. पटना जिला प्रशासन की ओर से 523 आवेदनों में अयोग्य पाए गए 138 की फिर से जाँच का निर्देश दिया गया है कि ये कहीं फिर से तो नहीं चल रहे हैं. अगर पटना जिला प्रशासन के आदेश के बावजूद चल रहे हैं तो िनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. इस बैठक में उप विकास आयुक्त, पटना समीर सौरभ, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना संजय कुमार, सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा), पटना एवं समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे.

पटना जिलान्तर्गत कोचिंग के निबंधन के लिए कुल 936 आवेदन प्राप्त हुआ था. इसमें से 413 आवेदनों का पूर्व में ही निष्पादन करते हुए 413 कोचिंग का निबंधन पहले हो चुका है. शेष 523 आवेदनों में 138 की जाँच की गई थी. जांचोपरान्त इन 138 कोचिंग संस्थानों को निबंधन हेतु अयोग्य पाते हुए इन आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया था. जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इन 138 अस्वीकृत आवेदनों की सूची अनुमंडलवार अलग-अलग कर संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को उपलब्ध कराने का निदेश दिया. अनुमंडल पदाधिकारियों को यह जाँच करने का निदेश दिया गया है कि निबंधन के लिए अयोग्य पाए गए इन 138 कोचिंग संस्थानों का अवैध ढ़ंग से संचालन तो नहीं हो रहा है. यदि अवैध ढ़ंग से संचालन हो रहा हो तो अनुमंडल पदाधिकारियों को विधि-सम्मत कार्रवाई करने का निदेश दिया गया.

जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा समिति के सदस्यों को बताया गया कि 523 आवेदनों में से शेष 385 आवेदनों की जांच कराई जा रही है जिसमें 350 का जांच प्राप्त हुआ है. शेष 35 आवेदनों की जांच प्रक्रियाधीन हैं. जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इन लंबित आवेदनों की जाँच शीघ्र पूरा कर अग्रतर कार्रवाई हेतु निबंधन समिति की बैठक बुलाने का निदेश दिया. जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जाँच प्रतिवेदन प्राप्त 350 आवेदनों में 247 कोचिंग संस्थान संचालित नहीं होने के कारण निबंधन हेतु अयोग्य पाया गया है. साथ ही जिला पदाधिकारी महोदय ने बंद पड़े कोचिंग संस्थान को नोटिस देने का निर्देश दिया गया.

शेष 103 कोचिंग संस्थान में से 97 कोचिंग संस्थान के प्राप्त जांच प्रतिवेदनों पर समिति द्वारा विमर्श किया गया तथा इन सभी 97 कोचिंग संस्थानों के निबंधन हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्वीकृति के प्रस्ताव को अधिनियम के प्रावधानों के तहत समिति द्वारा अनुमोदित किया जाएगा. इन 97 कोचिंग संस्थानों में निबंधन प्रमाण-पत्र निर्गत किया जाएगा। शेष कोचिंग संस्थानों का निबंधन प्रमाण-पत्र फायर एनओसी अद्यतन कराने के बाद निर्गत किया जाएगा. जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्रावधानों के अनुसार जिला-स्तरीय कोचिंग निबंधन समिति की नियमित तौर पर बैठक का आयोजन करने का निदेश दिया. साथ ही कोचिंग संस्थानों के निबंधन हेतु ऑनलाईन पोर्टल विकसित करने के लिए तत्परता से कार्य करने का निदेश दिया गया.

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन, पटना द्वारा पूर्व में 07 टीम का गठन कर लगभग 600 से अधिक कोचिंग संस्थानों में सुरक्षात्मक मानकों के अनुपालन की जांच कराई गई थी. सभी अनुमंडलों में अनुमंडल पदाधिकारियों की अध्यक्षता में तथा पटना मुख्यालय के शहरी क्षेत्रों में अपर जिला दण्डाधिकारी (आपदा प्रबंधन), पटना की अध्यक्षता में टीम गठित कर कोचिंग संस्थानों की जांच करायी गयी थी. जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन के लिए विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वाेपरि है. यह सभी स्टेकहोल्डर्स यथा कोचिंग संचालकों, प्रशासन तथा अभिभावकों की सम्मिलित जिम्मेदारी है. कोचिंग के संचालन में सुरक्षा मानकों का अक्षरशः अनुपालन अनिवार्य है। बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के अनुसार कोचिंग का संचालन किया जाए.

सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को यह निदेश दिया गया है कि वे सुरक्षात्मक मानकों के अनुपालन की जाँच एवं जाँचोपरांत कृत कार्रवाई के संबंध में विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन दें. इसमें जाँच की गई कोचिंग संस्थानों की संख्या, कमी/त्रुटि पायी गयी कोचिंग की संख्या, कितने कोचिंग संस्थानों को नोटिस निर्गत किया गया, कितने से स्पष्टीकरण किया गया तथा कितने कोचिंग संस्थानों के विरूद्ध कार्रवाई हेतु अनुशंसा की गई, इसका रिपोर्ट देने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में कोचिंग संस्थानों के विधिवत रूप से संचालन हेतु जाँच करने के लिए प्राधिकृत हैं। सुरक्षात्मक मानकों के उल्लंघन की स्थिति में वे कार्रवाई की अनुशंसा कर सकते है.

जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम के तहत कोचिंग संस्थानों की स्थापना, निबंधन एवं संचालन के लिए विस्तृत दिशा-निदेश दिया गया है. इसके अनुसार अन्य बिन्दुओं के साथ निम्मलिखित तीन मानकों पर समुचित ध्यान देना अनिवार्य है.

(1) कोई भी कोचिंग संस्थान बिना वैध निबंधन प्रमाण-पत्र प्राप्त किए न तो स्थापित किया जाएगा और न चलाया जाएगा. कोचिंग संस्था की आधारभूत संरचना के अधीन वर्ग कक्ष का न्यूनतम क्षेत्र प्रति छात्र न्यूनतम 1 वर्ग मीटर होगा.

(2) वर्ग कक्ष में प्रवेश एवं निकास अवरोधमुक्त होना चाहिए। बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए.

(3) अग्नि सुरक्षा के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए.

जिलाधिकारी ने कहा कि उपर्युक्त तीन मानकों का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. सुरक्षात्मक मानकों से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 की धारा 6 (2) में दंड का प्रावधान किया गया है. अधिनियम के किसी प्रावधान का उल्लंघन करने पर प्रथम अपराध के लिए 25,000/- (पच्चीस हजार) रूपये तथा द्वितीय अपराध के लिए 1,00,000/-(एक लाख) रूपये के दंड का प्रावधान है। द्वितीय अपराध के बाद निबंधन रद्द किए जाने का भी प्रावधान है.

जिलाधिकारी ने कहा कि कुछ दिन पूर्व कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई थी तथा उनका पक्ष भी सुना गया था. उनकी माँग के अनुसार उन्हें समय दिया गया था.

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