Eid 2022: पटना के अब्दुल हई कॉम्प्लेक्स में महिलाएं पढ़ती हैं जमात की नमाज, पर्दे के पीछे से करती हैं दुआ
अमूमन मस्जिद में पुरुष ही नमाज पढ़ने जाते हैं लेकिन शहर में मौजूद अब्दुल हई कॉम्प्लेक्स में मौजूद मस्जिद में महिलाएं भी जमात की नमाज पढ़ती हैं. महिलाओं के नमाज पढ़ने के लिए अलग जगह है जिसका रास्ता अलग है. 15-20 महिलाएं सभी पर्दे में आती हैं.
जूही स्मिता
इबादत करना हर किसी का हक होता है. अमूमन देखा गया है कि मस्जिद में पुरुष ही नमाज पढ़ने जाते हैं लेकिन शहर में मौजूद अब्दुल हई कॉम्प्लेक्स में मौजूद मस्जिद में महिलाएं भी जमात की नमाज पढ़ती हैं. 1990 में बने इस मस्जिद में पुरुष और महिलाएं नमाज पढ़ इबादत करते हैं.
मस्जिद में महिला एवं पुरुष दोनों ही नमाज अदा करते हैं
मस्जिद के मोअज्जिन साहब मुर्शिद अल बताते हैं कि तीसरे माले पर मौजूद इस मस्जिद में महिला एवं पुरुष दोनों ही नमाज अदा करते हैं. महिलाओं के नमाज पढ़ने के लिए अलग जगह है जिसका रास्ता अलग है. 15-20 महिलाएं सभी पर्दे में आती हैं. यह महिलाएं कभी-कभी पांच वक्त की नमाज पढ़ने आती है लेकिन जुम्मे की नमाज पढ़ने के लिए जरूर आती है. सभी अपने आस-पास रहने वाली महिलाओं के साथ आती हैं.
पर्दे के परे रहकर करती हैं दुआ
मस्जिद के अंदर महिलाओं वाले जगह को दो पर्दे लगाये गये हैं जिससे पुरुषों और महिलाओं के बीच पर्दा बना रहें. इमाम द्वारा तकरीर के बाद नमाज पढ़ा जाता है जिसे महिलाएं भी करती हैं. महिलाएं फर्श पर जानेमाज पर बैठकर नमाज पढ़ती है. यदि कोई महिला नीचे बैठने में सक्षम नहीं है तो उनके लिए कुर्सी भी मौजूद हैं. महिलाओं का कहना है कि वे मस्जिद में एक साथ आती हैं और इबादत करती हैं. इस दौरान वे अल्लाह से सभी की खैरियत के लिए दुआ मांगती हैं और ऐसा करने पर उन्हें सुकून का एहसास होता है.
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महिलाओं से बातचीत
मस्जिद में महिलाओं से बातचीत के दौरान लंगर टोली की सबीना आरजू ने बताया की वह कोरोना से पहले यहां आकर जुम्मे की नमाज पढ़ती थी. अब फिर से आना शुरू किया है. हमारे साथ अन्य महिलाएं भी आती हैं. हम सभी धर्म का पूरा पालन करते हुए पर्दा में रहकर इबादत करती हैं. मन को शांति मिलती है.
एग्जीबिशन रोड की सदरून खातुन ने बताया की मुझे बड़ी इच्छा होती थी कि मैं भी मस्जिद में नमाज पढ़ूं लेकिन कहां पढ़ना है इसकी जानकारी नहीं थी. जब मोहल्ले की महिलाओं ने बताया कि हई कॉम्प्लेक्स में महिलाओं के नमाज पढ़ने की इजाजत है तो मैं उनके साथ यहां आती हूं.