प्रतिनिधि, फुलवारीशरीफ : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू करने की तैयारी कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा मानव अंग और उतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के तहत एम्स, पटना को किडनी प्रत्यारोपण के लिए मंजूरी दे दी गयी है. एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा उपलब्ध हो जाने से बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर पूर्वी राज्यों और यहां तक कि उत्तर प्रदेश और ओडिशा के मरीजों को भी लाभ मिलेगा. वर्तमान में देश के इस हिस्से के मरीजों को ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए दिल्ली एम्स और पीजीआइ, चंडीगढ़ जैसे उच्च केंद्रों में जाना पड़ता है. एम्स के कार्यकारी निदेशक और सीइओ डॉ गोपाल कृष्ण पाल ने कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट इस साल अगस्त तक शुरू होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि सात डॉक्टरों की एक टीम ने पीजीआइ, चंडीगढ़ में औपचारिक अल्पकालिक प्रशिक्षण पूरा कर लिया है. उन्होंने कहा कि निजी सुविधाओं पर 8-10 लाख की तुलना में एम्स में एक मानक किडनी ट्रांसप्लांट की लागत लगभग तीन लाख होने की उम्मीद है, जिसमें दवाओं और अस्पताल में रहने का खर्च भी शामिल है. मालूम हो कि बिहार में आइजीआइएमएस एकमात्र सरकारी अस्पताल है, जहां अभी किडनी का ट्रांसप्लांट की सुविधा है.
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