पटना में वायु प्रदूषण का सेंटर पिछले एक माह से अधिक समय से समनपुरा इलाका बना हुआ है. पटना शहर का एक्यूआइ बुधवार को जहां 363 रहा, वहीं समनपुरा इलाके का एक्यूआइ 486 दर्ज किया गया. इस इलाके में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण सूक्ष्म धूलकण या पीएम 10 और पीएम 2.5 है. यहां बुधवार को पीएम 10 का न्यूनतम स्तर 337 और अधिकतम 500 रहा है. वहीं पीएम 2.5 का न्यूनतम स्तर 342 और अधिकतम 500 रहा है.
केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़े इलाके में प्रदूषण की भयावहता को दर्शाते हैं. 500 का आंकड़ा वायु प्रदूषण का सबसे अंतिम बिंदु है, जिससे ऊपर के आंकड़े दर्ज नहीं होते हैं. 400 से 500 तक का एक्यूआइ प्रदूषण का खतरनाक स्तर माना जाता है. पटना शहर के अन्य इलाकों की बात करें तो डीआरएम कार्यालय के पास एक्यूआइ 340, गवर्नमेंट हाइस्कूल शिकारपुर के आसपास 310, तारामंडल के पास 349, मुरादपुर में 346, राजवंशी नगर में एक्यूआइ 344 रहा है.
डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत गठित जिलास्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक की. उन्होंने कहा कि डीएम प्रदूषण नियंत्रण के लिए अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन उपायों को इन्फोर्स करना जनहित में आवश्यक है. इसके लिए अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करना होगा. कार्य योजना के अनुसार वैधानिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए ताकि वायु की गुणवत्ता में सुधार हो.
डीएम ने डीटीओ को सघन जांच अभियान चलाकर वाहनों के प्रदूषण अंडरकंट्रोल प्रमाण-पत्र की जांच व कार्रवाई करने का निर्देश दिया. साथ ही सभी वाहन उत्सर्जन जांच केन्द्रों को क्रियाशील रखने को कहा. फ्लाई ओवर या भवन निर्माण के कार्य को चारों तरफ से ढककर कराया जाए. ताकि उससे उड़ने वाले धूलकण से प्रदूषण नहीं फैले.
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जिला खनन कार्यालय तथा पटना नगर निगम द्वारा टीम गठित कर सड़क किनारे बालू एवं अन्य निर्माण सामग्रियों की वैधता की जांच तथा खुले में परिवहन पर रोक लगाना सुनिश्चित करें. जिला शिक्षा पदाधिकारी को विद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाने की बात कही.बैठक में नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर, समन्वयक राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम, जिला कृषि पदाधिकारी, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
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