पटना एयरपोर्ट पर इन दिनों शेड्यूल फ्लाइटों की संख्या 110 है, लेकिन सोमवार को केवल 64 फ्लाइटें यहां से परिचालित हुई. उससे पहले भी बीते तीन-चार दिनों में इनकी संख्या इसी आसपास में सिमटी रही. यात्रियों की संख्या में कमी की वजह से फ्लाइटों की संख्या घटी है.
यात्रियों की कुल संख्या होली के आसपास छह से सात हजार प्रतिदिन था, जो अब घट कर महज 3.5 से 4 हजार के बीच रह गया है. सोमवार को 32 फ्लाइटों से 3679 यात्रियों ने पटना से अलग-अलग शहरों के लिए उड़ान भरी, जबकि 4110 यात्री यहां आये. इस प्रकार 180 सीट वाले विमान में औसत अक्यूपेंसी आने वाली यात्रा में 115 (63 फीसदी) और जाने वाली यात्रा में 128 (71 फीसदी)रही, लेकिन इतने कम अक्युपेंसी रेट के बावजूद विमान का किराया कम नहीं हो रहा है.
विमान कंपनियों के स्थानीय अधिकारियों की मानें तो कम अक्यूपेंसी के कारण उनके लिए टिकट की कीमत कम करना और भी मुश्किल हो गया है क्योंकि फ्यूल के कीमत में भी वृद्धि होने से ऑपरेशन कॉस्ट पहले से अधिक बढ़ गया है.
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अक्सर विमान यात्रा करने वाले कुछ स्थानीय यात्रियों ने प्रभात खबर से बातचीत में बताया कि टिकटों की कीमत में कमी आने से इनकी बिक्री बढ़ेगी क्योंकि कई ट्रेनों में अगले दो-तीन सप्ताह तक टिकट उपलब्ध नहीं होने से जिनको जरुरी काम से कहीं बाहर जाना है, उनकी परेशानी काफी बढ़ गयी है.
होली के बाद हर वर्ष अप्रैल में ऑफ सीजन होने के कारण विमान किराया काफी कम हो जाता है. लेकिन इस वर्ष यह अभी भी पीक पर है.
पटना से किराया
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मुंबई – 7407
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दिल्ली-5201
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हैदराबाद- 7407
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कोलकाता- 6357
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बेंगलुर-7327
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चेन्नइ-8247
पटना एयरपोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों से बारिश के जल को बाहर निकालने के लिए अलग ड्रेनेज सिस्टम बनेगा. इसके लिए पीर अली पथ से होकर 1.3 किमी लंबा बड़ा नाला बनाया जायेगा. यह लगभग दो मीटर चौड़ा और 1.75 मीटर गहरा होगा.
यह नाला पटना एयरपोर्ट से पीर अली पथ होकर पटेल गोलंबर से आगे तक जायेगा और सर्पेन्टाइन नाले से मिलेगा, जिसका विकास पहले से ही किया जा रहा है. अगले वर्ष मार्च तक यह नाला तैयार होगा. अब तक पटना एयरपोर्ट पर कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से सीवरेज से ही बरसात का पानी भी निकलता है. इससे अधिक बारिश होने पर पानी निकलने में समय लगता है और जलजमाव हो जाता है.
Published By: Thakur Shaktilochan