बिहार की राजधानी पटना को जाम एवं प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए अब पटना परिवहन विभाग नया प्लान बनाने जा रहा है. अब शहर में किस रूट पर कितने ऑटो चलेंगे, वह किस रंग के होंगे, इसका निर्धारण किया जाएगा. परिवहन विभाग ने इसको लेकर कवायद भी शुरू कर दी है.
अब ऑटो और ई-रिक्शा को परमिट भी रूट के आधार पर ही दिया जाएगा. इसके साथ ही प्रत्येक रूट पर चलने वाले ऑटो और ई-रिक्शा के लिए अलग से कोड का निर्धारण किया जाएगा. कोड के साथ साथ लोगो भी दिया जाएगा ताकि एक रूट का ऑटो दूसरे रूट पर नहीं चल सके. इससे अनावश्यक गाड़ियों से शहर के सड़कों को राहत मिलने की उम्मीद है. जिससे जाम की समस्या में भी कमी आएगी.
शहर में सर्वाधिक ऑटो का परिचालन नेहरू मार्ग पर किया जाता है. इसके अलावा ऑटो और ई-रिक्शा अशोक राजपथ, गांधी मैदान से दीघा, दानापुर, पटना जंक्शन से बोरिंग रोड, पटना जंक्शन से फुलवारीशरीफ, पटना जंक्शन से कंकड़बाग, गायघाट, हनुमान नगर के लिए भी चलाए जाते हैं.
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इसके अलावा ई-रिक्शा का परिचालन गांधी मैदान से पटना सिटी के लिए सबसे अधिक हो रहा है. परिवहन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पटना के शहरी क्षेत्र में 17 हजार से अधिक सीएनजी ऑटो का परिचालन हो रहा है. जबकि ऑटो की कुल संख्या 35 हजार से अधिक है वहीं शहर में ई-रिक्शा की संख्या 11 हजार 593 है.
पटना में फिलहाल तो ई-रिक्शा का न तो रूट निर्धारित है और न ही किराया निर्धारत किया गया है. इससे राजधानी में कई इलाकों में सड़कों पर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है. साथ ही ई-रिक्शा के चालकों द्वारा मनमाना किराया वसूलने से भी यात्री परेशान हैं.