पटना में एजीएम का फिल्मी ड्रामा, रची खुद के अपहरण की साजिश, पत्नी को एसएमएस कर मांगी 20 लाख की फिरौती

बरामद होने के बाद जब एजीएम से पूछताछ की गई तो पता चला कि उन्होंने विभिन्न वित्तीय संस्थानों से 13 लाख का कर्ज लिया था और उसे शेयर व ट्रेडिंग में लगा दिया, ताकि रातों-रात अमीर बन जायें. लेकिन सारा पैसा डूब गया और वो अवसाद में आ गये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2022 6:18 PM

पटना बिस्कोमान के एजीएम व 32 वर्षीय अविनाश राज ने खुद ही अपने अपहरण का नाटक रचा और अपने मोबाइल फोन से पत्नी को एसएमएस कर 20 लाख की फिरौती मांग दी. यह घटना 22 नवंबर की है. पत्नी की शिकायत पर गांधी मैदान पुलिस ने जांच शुरू किया और फिर उन्हें मुजफ्फरपुर बस स्टैंड से सकुशल बरामद कर लिया. पुलिस ने उन्हें परिजनों के हवाले कर दिया है. हालांकि पुलिस को परेशान करने के लिए उन पर किसी प्रकार का मामला दर्ज नहीं किया गया हैं. अविनाश राज फुलवारी शरीफ के किसान कॉलोनी के रहने वाले हैं.

रातों-रात अमीर बनने के चक्कर में लिया कर्ज

बरामद होने के बाद जब उनसे पूछताछ की गई तो यह बातें सामने आयी है कि उन्होंने विभिन्न वित्तीय संस्थानों से 13 लाख का कर्ज लिया था और उसे शेयर व ट्रेडिंग में लगा दिया, ताकि रातों-रात अमीर बन जायें. लेकिन सारा पैसा डूब गया और वो अवसाद में आ गये. साथ ही कर्ज की किस्त चुकाने का दबाव बढ़ने लगा तो वो परेशान हो गये. इसके बाद 22 नवंबर को वे अपनी बाइक से बिस्कोमान कार्यालय के लिए निकले, लेकिन वापस नहीं लौटे. इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को अपने ही मोबाइल फोन से मैसेज के माध्यम से अपहरण होने की जानकारी देते हुए 20 लाख फिरौती की रकम को उनके ही खाता में डालने की धमकी दे डाली. पत्नी और पूरा परिवार परेशान हो गया और 22 नवंबर की रात में गांधी मैदान थाना पुलिस को मामले की जानकारी दी गयी.

ऑफिस के गेट से लौट गये थे वापस

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो उनका लोकेशन मुगलसराय का निकला. इसके बाद बिस्कोमान कार्यालय के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की तो पता चला कि वे बाइक लगाने के बाद वहां से वापस लौट गये. उन्होंने अपनी उपस्थिति भी नहीं बनायी. मुगलसराय में ही फिरौती का मैसेज करने के बाद वे 23 नवंबर को हाजीपुर पहुंचे और फिर मुजफ्फरपुर के लिए निकल गये. लेकिन पुलिस लगातार लोकेशन लेकर पीछे लगी थी और मुजफ्फरपुर बस स्टैंड के पास उन्हें सकुशल बरामद कर लिया और पटना ले आयी.

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लोकेशन के आधार पर पुलिस ने किया पीछा

गांधी मैदान थानाध्यक्ष अरुण कुमार ने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत ही लोकेशन के आधार पर पीछा करना शुरू किया और मुजफ्फरपुर बस स्टैंड के पास से उन्हें 18 घंटे के अंदर बरामद कर लिया गया.

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