पटना. किलकारी के 16 वर्षीय हर्ष राजपूत ने ऐसा डिवाइस तैयार किया है, जिसकी मदद से फलों और सब्जियों में मौजूद केमिकल की जांच की जा सकती हैं. इस डिवाइस को हाल में आइआइटी, मुंबई की ओर से आयोजित विटब्लॉक्स यंग इनवेंटर टेकफेस्ट-2022 में 2500 प्रोजेक्टों में एग्रीकल्चर सेगमेंट में पहला स्थान मिला था. इसके बाद आइआइटी, मुंबई के नीति आयोग की ओर से इस डिवाइस को सपोर्ट किया जा रहा है. अभी इसका प्रोटोटाइप तैयार किया जा रहा है. मार्केट रिसर्च के बाद प्रोडक्ट तैयार होगा, जिसका इस्तेमाल आम लोग कर सकेंगे.
गायघाट के रहने वाले हर्ष एसआरपी कॉलेज, बाल किशनगंज में पढ़ाई करते हैं. वह बताते हैं कि एक अखबार में फलों और सब्जियों में मिलने वाली केमिकल और पेस्टीसाइड किस तरह से हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुंचा रहे हैं, इसकी विशेष रिपोर्ट छपी थी. इसके बाद मैं इंडियन काउंसिल एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर पर सैंपल लेकर गया, लेकिन वहां कोई भी ऐसा पोर्टेबल डिवाइस नहीं था, जिसकी मदद से इसकी जांच की जा सके. वहां से आने के बाद मैंने स्पेक्ट्रोस्कॉपी डिवाइस तैयार किया. इसमें मौजूद एनडीवीआइ इंडेक्स, जो इन्फ्रारेड रेज और रेड रेज की मदद से फलों और सब्जियों में मौजूद केमिकल की जांच करता है.
यह डिवाइस एनडीवीआइ( नॉरमलाइज्ड डिफरेंस वेजिटेशन इंडेक्स) एल्गोरिथम का उपयोग करके एक स्व-विकसित सेंसर का उपयोग करता है. सेंसर दो तरह से काम करता है. पहला, एलइडी और दूसरा आइआर सेंसर. एलइडी से प्रकाश को फल पर दिया किया जाता है और फल से परावर्तित किरणें एलडीआर द्वारा प्राप्त की जाती हैं. वहीं, एलडीआर से से मिलने वाले आउटपुट को आरड्विनो में भेजी जाती है. यहां पर एनालॉग सिनगल को डिजिचल सिगनल में बदला जाता है. यह प्रक्रिया पांच बार करने के बाद रिजल्ट दिखता है. हर फल और सब्जी का एनडीवीआइ इंडेक्स है, जिसके आधार पर इस प्रक्रिया की जांच को चेक किया जाता है.
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आइआर सेंसर को दो भाग होते हैं, जिनमें एक हिस्सा ट्रांसमिटर और दूसरा हिस्सा सेंसर का होता है. जब प्रकाश फल और सब्जी पर डाला जाता है, तब आइआर रेज के वेबलेंथ को रिसीव करता है. इसके बाद एनडीवीआइ इंडेक्स से इसे चेक फलों और सब्जियों में मौजूद केमिकल की जानकारी मिलती है.