दानापुर में डूबने से सगे भाई-बहन की मौत, मछली पालने के लिए खोदे गड्ढे में फिसलने से गयी जान
एक पूर्व डीजी के खाली पड़े जमीन की देखभाल के लिए आरा जिले के चरपोखरी इटौर निवासी संजय कुमार राय अपनी पत्नी सुनीता देवी अपने दो बच्चे 8 वर्षीय हरीओम हरी व 6 वर्षीय शिवांगी कुमारी के साथ झोपड़ी बनाकर रह रहे थे.
पटना. दानापुर के आदमपुर में मंगलवार की सुबह खेलते-खेलते दो मासूम भाई-बहन की पानी भरे गड्डू में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई. खाली पड़ी जमीन में मछली पालने के लिए मृतक के पिता संजय द्वारा एक बड़ा गड्ढे खोदा गया था. खेलने के दौरान उनका पैर फिसला और वे दोनों पानी भरे गड्डे में गिरकर डूब गए. घटना के बाद इलाके में सनसानी फैल गई. पुत्र व पुत्री को शव से लिपटकर मां -पिता चित्कार कर उठे. स्थानीय लोगों ने की सूचना स्थानीय थाना को दी. सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंचकर शव को पानी भरे गड्डे से खोजबीन करने में जुट गई.
भाई बहन की डूबने से मौत
बताया जाता है कि एक पूर्व डीजी के खाली पड़े जमीन की देखभाल के लिए आरा जिले के चरपोखरी इटौर निवासी संजय कुमार राय अपनी पत्नी सुनीता देवी अपने दो बच्चे 8 वर्षीय हरीओम हरी व 6 वर्षीय शिवांगी कुमारी के साथ झोपड़ी बनाकर रह रहे थे. मृतक हरीओम दूसरी कक्षा व पुत्री शिवांगी पहला कक्षा में पढ़ती थी.
मछली पालने के लिए खोले गए गड्ढे में डूबा
रोते हुए संजय ने बताया कि कुछ दिन पहले खाली पड़ी जमीन में मछली पालने के लिए एक बड़ा गड्ढा खोदे थे और मछली का पालन करते थे. गड्डे में पानी भरा हुआ था. उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन के तरह मंगलवार को सुबह पूर्व डीजी के सगुना स्थित मैरेज हाल के देखरेख के लिए गये थे. घर में पत्नी व दोनों बच्चे थे. वह बाहर खेल रहे थे. मृतक के मां सुनीता ने रोते हुए बताया कि खाना बनाकर जब बच्चों को खाना खाने के लिए बुलाने गई तो कही नजर नही पड़ा और काफी देर तक आसपास खोजबीन किया परंतु कही नजर नहीं आए.
चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया
खोजबीन करते हुए पानी भरे गड्डे के पास गई तो देखा कि पानी में हरीओम का चप्पल तैर देखकर शोर मचाई. जब आसपास के लोगों जुटे गए और पानी भरे गड्डे से डूबे दोनों बच्चों को बाहर निकाला गया. दोनों बच्चों को समीप अस्पताल ले गए. जहां पर चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया.
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परिवार का माहौल गमगीन
पुत्र व पुत्री के शव से लिपटकर मां सुनीता व पिता संजय रोते -बिलखते हुए कहा रहे थे कि कौन गलतई का सजा देला भगवान . पूरा माहौल गमगीन हो गया था. रोते-रोते सुनीता बेहोश हो जा रही थी. किसी तरह महिलाओं होश में ला रहा था. पुलिस ने दोनों बच्चों को पोस्टमार्टम करने के लिए कहा तो परिजनों ने शव को पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया.