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कहीं दलदल तो कहीं बढ़ा है जलस्तर, पटना के घाट पर छठव्रती कैसे देंगे भगवान भास्कर को अर्घ्य?

Patna Chhath Ghat: पटना में गंगा का जलस्तर घटने-बढ़ने से घाटों की स्थिति में लगातार बदलाव देखी जा रही है. बता दें कि, बालू की बोरियां डाल कर बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. कंगन घाट पर चारों तरफ दलदल की स्थिति है.

Patna Chhath Ghat: पटना में गंगा का जलस्तर घटने-बढ़ने से घाटों की स्थिति में लगातार बदलाव देखी जा रही है. बता दें कि, बालू की बोरियां डाल कर बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. कंगन घाट पर चारों तरफ दलदल की स्थिति है. किसी व्रती द्वारा मामूली चूक होने पर भी खतरा हो सकता है. महाराज घाट की बात करें तो पाट काफी छोटा हो गया है, नीचे उतरने पर ढलान है. दौड़ा रखने के लिए भी जगह नहीं है. हालांकि, रास्ते को बनाने का कार्य चल रहा है. संभावना है कि प्रशासन इस घाट को खतरनाक घोषित कर दे, क्योंकि यहां पानी की गहराई भी काफी अधिक है.

दलदल की स्थिति को ठीक करने में जुटा प्रशासन

खाजेकलां घाट पहले से काफी बेहतर दिख रहा है. यहां साफ-सफाई का कार्य भी तेजी से चल रहा है. इस घाट की सीढ़ियों को साफ कर दिया गया है. यहां रंग-रोगन कर झंडा और पताका भी लगाया जा रहा है. घाट पर अंधेरा न हो इसके लिए लाइट की व्यवस्था की जा रही है. घाटों पर अब यह समस्या आ गई है कि जहां दलदल को ठीक किया गया था, वहां हल्की बारिश होने से मिट्टी की चिकनाई बढ़ गयी है. फिसलन की स्थिति पैदा हो गई है. व्रती को तट से उतरते ही पानी की गहराई का सामना करना पड़ सकता है.

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पटना के कुछ महत्वपूर्ण घाट की वर्तमान स्थिति

मिरचाई घाट

मिरचाई घाट पर भी व्रतियों की भीड़ इकट्ठा होती है. यहां अभी दलदल की स्थिति बनी हुई है. इस भीड़ को देखते हुए स्थानीय लोग काफी सक्रिय हैं. गंगा का जलस्तर घटने के बाद वहां नमी है, जिससे दलदल की स्थिति बनी हुई है. बांस-बल्लों को गिराया गया है ताकि बेहतर रास्ता बनाया जा सके.

गायघाट

गाय घाट पटना के महत्वपुर घाटों में शामिल है. यहां लाखों की संख्या में लोग छठ करने आते हैं. यहां का रास्ता अभी बेहतर है. तट पर सफाई का काम चल रहा है. यहां से कुछ ही दूरी पर वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है. ताकि लोग तटों पर सीधे वाहन लेकर प्रवेश न करें. बैरिकेडिंग के लिए बांस-बल्ला का भी उपयोग किया जा रहा है.

टेढ़ी घाट

टेढ़ी घाट की वर्तमान स्थिति की बात करें तो, सड़क मार्ग से सीधे गंगा तट पर पहुंचने के मार्ग में काफी गंदगी है. घाट का अस्तित्व नहीं दिख रहा है. निगम की ओर से पोस्टर-बैनर लगाया गया है जिससे पता चलता है कि यह टेढी घाट है. घाट को बेहतर बनाने के लिए बालू की बोरियों का उपयोग किया जा रहा है.

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