पटना में 6 वर्षों में जमा हो गया 12 लाख टन कचरा, ना बिजली बनी और ना बना फ्यूल

पटना के रामाचक बैरिया के 72 एकड़ में फैले कचरे का ढेर से निकलने वाले दुर्गंध से आसपास के गांव के लोग परेशान हैं. रामाचक बैरिया में 10 ट्रॉमेल मशीन लगाकर कचरे को खत्म करने की योजना थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2022 5:01 AM

पटना नगर निगम बीते छह वर्षों में शहर के रामाचक बैरिया में ठंप हो रहे कैचरे के पहाड़ को खत्म नहीं कर पाया है. कचरे से बिजली बनाने से लेकर फ्यूल बनाने तक की योजनाएं अभी तक सफल नहीं हो पायी. घरों से निकलने वाले कचरा का निस्तारण नहीं होने से रामाचक बैरिया में कचरे का पहाड़ बढ़ता जा रहा है.

72 एकड़ में फैला है कचरा 

शहर के रामाचक बैरिया के 72 एकड़ में फैले कचरे का ढेर से निकलने वाले दुर्गंध से आसपास के गांव के लोग परेशान हैं. रामाचक बैरिया में 10 ट्रॉमेल मशीन लगाकर कचरे को खत्म करने की योजना थी. लेकिन अभी तक वह काम नहीं पूरा हुआ है. नतीजा 12 लाख टन से अधिक कचरा वहां जमा है.

प्रतिदिन 25 से 30 टन कचरा का निस्तारण

जानकारों के अनुसार फिलहाल दो मशीनों से रोज 25 से 30 टन कचरा का निस्तारण किया जा रहा है. इस हिसाब से कचरे की सफाई में कितना समय लगेगा कहना मुश्किल है. रामाचक बैरिया से पूरब एक किलोमीटर की दूरी पर अंतरराज्यीय बस पड़ाव है. कचरे से निकलनेवाला दुर्गंध से वहां आनेवाले लोग भी परेशान रहते हैं.

मशीन की सहायता से कचरे के ढ़ेर को करना है अलग

रामाचक बैरिया में पुराने कचरे से हानिकारक मीथेन गैस का लगातार उत्सर्जन और लीचेट का रिसाव हो रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से लीगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए जारी की गई गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए नगर निगम बायो माइनिंग की पद्धति अपना रहा है. इस काम के लिए निगम प्रशासन के माध्यम से रामाचक बैरिया में 10 ट्रॉमेल मशीनें लगाना है. मशीनों की सहायता से कचरे के ढ़ेर से प्लास्टिक, बालू, मेटल, लकड़ी, गिट्टी ईंट-पत्थर, शीशा, कागज, मिट्टी, आदि अलग-अलग किया जाना है.

फ्यूल के रूप में कचरे का होना था इस्तेमाल

जमा कचरे को कचरा रिफ्यूज ड्राइव फ्यूल (आरडीएफ) के माध्यम से ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने की योजना थी. अभी तक उस पर काम शुरू नहीं हो सका है. केंद्रीय पेट्रो रसायन इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी (सीआईपीटी) संस्थान के सहयोग से प्लास्टिक वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट लगना है. इसके लिए लगभग चार हजार वर्ग मीटर में प्रीफेब्रिकेटेड शेड बनना है. निगम प्रशासन ने इसके लिए साढ़े तीन एकड़ जमीन देने का निर्णय लिया है.

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चरणबद्ध तरीके से काम हो रहा

अपर नगर आयुक्त सफाई शीला इरानी ने कहा की रामाचक बैरिया में कचरे का ढेर को समाप्त करने का चरणबद्ध तरीके से काम हो रहा है. ट्रॉमेल मशीन के माध्यम से कचरे को अलग-अगल करने का काम हो रहा है. ट्रॉमेल मशीन की संख्या बढ़ा कर निष्पादन का काम तेजी से होगा.

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