पटना में कोरोना से मरे लोगों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों का पैसा अब मृतक के परिजनों को नहीं देना होगा. शनिवार से लकड़ी का पैसा लेने पर रोक लगा दी गयी है. अब दाह संस्कार के लिए लकड़ी का सारा खर्च पटना नगर निगम देगा. मालूम हो कि इससे पहले लकड़ी से अंतिम संस्कार करने में कुल 10500 रुपये पैसा लिया जा रहा था. इसका रेट लिस्ट भी घाट पर टांग दिया गया था. लेकिन शनिवार को रेट लिस्ट हटा दिया गया और विद्युत शवदाह गृह हो या फिर लकड़ी से अंतिम संस्कार दोनों को नि:शुल्क कर दिया गया है.
इसके लिए तीन शिफ्ट में बांस घाट पर नगर निगम के कर्मियों की ड्यूटी भी लगायी गयी है. एक हेल्प लाइन नंबर भी जारी की गयी है. अगर किसी तरह की कोई परेशानी या फिर कोई पैसा मांगता है तो परिजन इसकी शिकायत नंबर पर कर सकते हैं.
बांस घाट की स्थिति काफी भयावह है. विद्युत शवदाह गृह हो या फिर लकड़ी पर जलाने वाले शव सभी जगह अंतिम संस्कार के लिए लंबी कतार लगानी पड़ रही है. जानकारी के मुताबिक शनिवार को तीन बजे तक कोविड से मरे 22 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका था. वहीं, शुक्रवार की बात करें तो साढ़े तीन बजे करीब कोविड से मरे 29 लोगों का अंतिम संस्कार हुआ था. ये आंकड़े तो सिर्फ बांस घाट की है. वहीं गुलबी घाट पर शुक्रवार की बात करें तो वहां तीन बजे तक पांच कोरोना संक्रमित शव को जलाया गया था. जबकि खाजेकलां में शुक्रवार को एक कोरोना संक्रमित शव को लकड़ी पर जलाया गया था.
पटना के बांस घाट पर कोरोना संक्रमितों के शव के अंतिम संस्कार में छह घंटे का समय लग रहा है. कोई सुबह दस बजे तो कोई अहले सुबह से ही शव को लाइन में लगाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. विद्युत शवदाह गृह के अंदर दर्जनों शव लाइन में पड़े हैं. बाहर परिजन अंदर उनके अपनों का शव. लोग बार-बार उठ कर देख रहे हैं कि कोई शव को आगे-पीछे तो नहीं कर रहा है न.
वहीं एक तरफ सरकार व स्वास्थ्य विभाग की टीम सुरक्षा को लेकर कई सारे कदम उठा रही है. वहीं, बांस घाट के बाहर सड़कों पर पीपीइ कीट, मास्क समेत अन्य संक्रमित वस्तु फेंका हुआ है. इस बात की जानकारी जब वहां मौजूद नगर निगम के अधिकारियों को मिली तो वे बाहर निकल सफाईकर्मियों को फटकार लगायी. इसके बाद तुरंत साफ-सफाई शुरू हुई.
Posted By: Thakur Shaktilochan