Patna Crime : पटना. शास्त्रीनगर थाने के विश्वेश्वरैया भवन के पास बदमाशों ने ठेकेदार हरिशंकर झा की फॉर्च्यूनर कार से 22.50 लाख रुपये गायब कर दिये. घटना सरेआम हुई. हरिशंकर झा ठेकेदारी के काम से किसी अधिकारी से मिलने आये थे. उनका चालक कार में ही था और वह विश्वेश्वरैया भवन चले गये थे. इतने में ही दो बदमाश पहुंचे और चालक को बताया कि कार के पास 10-10 रुपये के नोट गिरा हुए हैं. चालक नीचे उतर कर देखने लगा, तभी एक बदमाश कार का गेट खोल कर नोटों से भरे बैग को लेकर फरार हो गया. इसके बाद दूसरा भी वहां से निकल गया. चालक जब कार में वापस गया, तो बैग को गायब पाया. इसके बाद उसने ठेकेदार को जानकारी दी. सूचना मिलते ही थानेदार अमर कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और छानबीन शुरू कर दी, परंतु कोई सुराग हाथ नहीं लगा.
फ्लैट के लिए निकाली थी रकम
हरिशंकर झा मूल रूप से सहरसा के तिवारी टोले के रहने वाले हैं. हरिशंकर झा की कंपनी मां ज्वाला इंटरप्राइजेज पुल, पुलिया व सड़क बनाने का कार्य करती है. इधर, सूचना मिलने पर शास्त्रीनगर थाना की पुलिस पहुंची और सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगाला, जिसमें दो बदमाशों की तस्वीर पुलिस को मिली. दोनों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है. सचिवालय डीएसपी (द्वितीय) साकेत कुमार ने बताया कि आरोपित की पहचान के लिए सीसी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं. पता लगाया जा रहा है कि चोर कितनी संख्या में थे. वे किस रास्ते आए और कैसे गए. इन सभी बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है.
पथ निर्माण विभाग में आए थे ठेकेदार
ठेकेदार हरिशंकर झा चालक व दो अन्य लोगों के साथ सहरसा से पटना आए थे. विश्वेश्वरैया भवन स्थित पथ निर्माण विभाग के कार्यालय में उन्हें ठेके से संबंधित कोई कार्य था. हरिशंकर झा ने पुलिस को बताया कि राजाबाजार में एक फ्लैट लिया है और वह उसी के पैसे देने के लिए पटना आये थे, लेकिन वहां जाने से पहले वे किसी अधिकारी से मिलने के लिए विश्वश्वरैया भवन चले गये. इसी दौरान यह घटना हो गयी. जिस तरह से यह घटना हुई है, उससे पूरा शक तमिलनाडु के त्रिचनापल्ली गिरोह पर है.
गमछे से ढंक रखा था चेहरा
डीएसपी के अनुसार चालक ने उन्हें बताया कि नोट गिरे होने की जानकारी देने वाले व्यक्ति ने सफेद रंग के गमछे से चेहरा ढंक रखा था. उसने इशारों से चालक को बताया कि उसकी गाड़ी के आगे दस-दस के कई नोट गिरे हैं. चालक लालच में आ गया. वह कार से उतरकर नोट उठाने लगा. इस बीच, शातिर चोर ने पीछे का दरवाजा खोला और बैग लेकर चलता बना. गाड़ी में दोबारा बैठने पर चालक को मालूम हुआ कि पीछे का दरवाजा खुला है. वह पीछे गया तो देखा कि बैग गायब है. इसके बाद उसने मालिक को खबर दी.
कैसे मिली रुपयों के बारे में जानकारी
राजधानी में इस तरह कार से रुपये उड़ाने वाले गिरोह के कई सदस्य घूमते हुए पकड़े जा चुके हैं, जो चालकों को दिग्भ्रमित कर वाहन से बैग गायब कर देते थे. अब पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि आखिर कार में रुपये होने की जानकारी चोर को कैसे मिली. थानेदार ने बताया कि कई अन्य बिंदुओं पर भी छानबीन की जा रही है. फार्च्युनर के आगे और पीछे खड़ी गाड़ियों के मालिकों का भी ब्योरा निकाला जा रहा है.