Patna Crime News: मसौढ़ी के उसमानचक निवासी लोहा व्यवसायी अभय सिंह की हत्या के एक माह बाद बुधवार को इसका खुलासा पुलिस ने कर दिया है. एसडीपीओ नभ वैभव ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस मामले में व्यवसायी की पत्नी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं शेष बचे पांच लोगों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है. एसडीपीओ ने बताया कि मृतक अभय सिंह की पत्नी 14 लाख की सुपारी देकर शूटर से अपने पति की हत्या करवाई है.
बता दें कि 14 लाख रुपये में से पांच लाख प्रथम किस्त के तौर पर शूटर को दे भी दिया गया था. इसमें उसका सहयोग गोपालगंज के सरिया वर्तमान में पीतांबर मंदिर कॉलोनी आलमगंज पटना निवासी मुकेश कुमार उर्फ लड्डू व आलमगंज के ही नुरानीबाग निवासी नीरज कुमार और कदमकुआं के लोहानीपुर निवासी आदर्श उर्फ शरद ने किया था. पुलिस ने इन सभी को उनके ठिकानों से गिरफ्तार कर लिया है जबकि शूटर जिसका नाम भी मुकेश ही है, उसके साथ लाइनर व शेष की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. पुलिस घटना में प्रत्युत दो बाइक के साथ चार मोबाइल भी बरामद कर लिया है.
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बच्चों की पढ़ाई के लिए पटना में रहती थी पत्नी प्रियंका
गौरतलब है कि 19 जुलाई को अभय सिंह की हत्या गोली मार कर उस वक्त कर दी गई थी जब वे मसौढ़ी स्थित अपनी दुकान को बंद कर बाइक से उसमानचक घर जा रहे थे. एसडीपीओ नभ वैभव ने बताया कि पत्नी प्रियंका कुमारी बच्चों के साथ पढ़ाई के सिलसिले में पटना के जगनपुरा में रहती थी. पति के नाम सोहगी में पुश्तैनी जमीन थी. इसी दौरान पत्नी की मुलाकात प्रोपर्टी डीलर मुकेश उर्फ लड्डू से हुई और वह भी प्रोपर्टी डीलर के काम में लग गई.
इस वजह से कराई पति की हत्या
इस दौरान प्रियंका ने बाजार से ऊंचे ब्याज पर पैसा उठाया. ब्याज पर लिया गया पैसा करीब डेढ करोड़ हो गया. इस पर प्रियंका पुश्तैनी संपत्ति बेचकर कर्ज उतारना चाहती थी. इसी दौरान उसने आदर्श उर्फ शरद जिससे उसकी पत्नी की मित्रता थी बात की और फिर उसने मुकेश उर्फ लड्डू के साथ नीरज कुमार के मिलकर योजना बनाकर शूटर से उसकी हत्या करवा दी, ताकि पति की मौत के बाद वह खुद मालिक हो जाएगी. इस घटना में शामिल आपस में वीडियो कॉलिंग से बात करते थे.
दो दिन पूर्व हत्या की कोशिश नाकाम हो गई थी
एसडीपीओ ने बताया कि फरार मुकेश व अन्य को लेकर आदर्श उर्फ शरद मसौढ़ी स्थित अभय की दुकान व उसके घर जाने का रास्ता को दिखाया और उन्होंने अभय का दो दिन तक रेकी भी की. घटना के दो दिन पहले अभय की हत्या का प्रयास किया गया, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए. 19 जुलाई को वे पूरी तैयारी के साथ घटना को अंजाम दे दिया.
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