लोकआस्था का महापर्व आज नहाय खाए के साथ शुरू हो गया. 29 अक्टूबर शनिवार को खरना होगा और उसके बाद 30 अक्टूबर को छठ व्रति डूबते हुए सूर्य को अर्घ देंगी. 31 अक्टूबर को उगते सूर्य की पूजा के साथ छठ महापर्व का समापन होगा.
ऐसे में छठ घाटों की तैयारी भी अपने अंतिम चरण में है. घाटों पर साफ सफाई का कार्य लगभग समाप्त हो चुका है. इसी को लेकर पटना के जिलाधिकारी और एसएसपी ने पटना के घाटों का निरीक्षण किया.
पटना के घाटों का निरीक्षण करते हुआ पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर और एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने तैयारियों को लेकर पदाधिकारियों को घाटों की सुरक्षा एवं स्वच्छता के संबंध में निर्देश दिए.
डीएम डॉ चंद्रशेखर और एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने घाटों पर बैरिकेडिंग और एप्रोच पथ का भी जायजा लिया
महापर्व छठ को लेकर राजधानी पटना में बाजार समिति, राजेंद्र नगर, बोरिंग रोड चौराहा, ककंकड़बाग, चितकोहरा, मीठापुर, मुसल्लहपुर हाट, कुम्हरार, अंटा घाट आदि इलाके में अस्थायी फल दुकानें भी सज चुकी हैं.
कारोबारियों की मानें तो पिछले साल की तुलना में इस बार 15 से 20 फीसदी तक महंगा है. इसके बावूजद 50 करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है. इस महा पर्व पर फलों में सबसे अधिक मांग केला का होता है. केला में हाजीपुर का चिनिया का धार्मिक महत्ता अधिक है. इस कारण इस प्रजाति के केले की मांग सबसे अधिक है.
महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में नहाय – खाय से आरंभ हो गया. अब कल खरना का प्रसाद पाने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास का संकल्प लेंगी.
आज अहले सुबह व्रतियों ने पवित्र गंगा नदी और जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर अरवा चावल, चना दाल, लौकी की सब्जी, आंवले की चासनी का प्रसाद ग्रहण कर व्रत की शुरुआत की.