गंगा का पानी पटना में हाथीदह को छोड़ सभी जगहों पर खतरे के निशान से नीचे आ चुका है. हथिदह में यह अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. यहां खतरे का निशान 41.76 मीटर है, जबकि यहां रविवार को दोपहर तीन बजे जल स्तर 42.39 मीटर था. पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष से रविवार दोपहर तीन बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक गंगा का जल स्तर मनेर में 50.93 मीटर था, यहां खतरे का निशान 52.00 मीटर है.
दीघा घाट में खतरे का निशान 50.45 मीटर है जबकि यहां गंगा का जल स्तर 49.64 मीटर है. गांधी घाट में गंगा में खतरे का निशान 48.60 मीटर है. यहां गंगा का जल स्तर 48.55 मीटर है. गंगा का जल स्तर लगातार कम हो रहा है. इससे पटना शहर पर बाढ़ का खतरा अब टल चुका है.
दूसरी तरफ सोन नदी भी खतरे के निशान से नीचे आ चुकी है. सोन नदी इंद्रपुरी में 102.22 मीटर के जल स्तर पर बह रही थी. यहां खतरे का निशान 108.20 मीटर है. कोइलवर में सोन नदी का खतरे का निशान 55.52 मीटर है, यहां रविवार को इसका जल स्तर 51.25 मीटर था.
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पुनपुन नदी पालेर गंज में 94.66 मीटर के जल स्तर के साथ बह रही थी. यहां इसका खतरे का निशान 97.50 मीटर है. किंजर में खतरे का निशान 65.00 मीटर है यहां यह 65.20 मीटर के जल स्तर के साथ बह रही थी.
जिले के 17 बाढ़ राहत केंद्रों पर रविवार को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया. बिहार विद्यापीठ स्थित बाढ़ राहत केंद्र पर पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह भी पहुंचे और बच्चे-बच्चियों के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाया. यहां पर बच्चियों ने उन्हें राखी बांधी. इस दौरान सभी केंद्रों पर जिला प्रशासन की तरफ से सजावट की गयी थी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan