छठ महापर्व पर जिन घाटों पर अर्घ्य दिया जाता है उसमें शहर के सबसे अच्छे घाटों में पटना कॉलेज घाट, काली घाट और वंशी घाट शामिल हैं. यहां हर वर्ष भारी संख्या में व्रती छठ के लिए पहुंचते हैं. यहां पक्की सीढ़ियां बनी हुई हैं और बेहतर व्यवस्था भी रहती है लेकिन इस बार गंगा का पानी इन घाटों पर काफी ज्यादा है. गंगा इतनी लबालब है कि इन घाटों की सबसे ऊपर की सीढ़ी के बेहद करीब बह रही है. ऐसे इन घाटों पर छठ को लेकर होने वाली तैयारियां प्रभावित हो रही है. गंगा का जलस्तर पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ा है. इसके कारण इनकी ज्यादातर सीढ़ियां पानी में डूबी हुई हैं. हालांकि उम्मीद जतायी जा रही है कि छठ तक पानी तेजी से कम होगा, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में इस बार गंगा का जलस्तर छठ में काफी ज्यादा रह सकता है.
पटना कॉलेज घाट से वंशी घाट के बीच सीढ़ियों के पास लगी लोहे की ग्रील कई जगहों पर टूट चुकी है. इन स्थानों पर लाल कपड़ा लगा कर लोगों को खतरे से सावधान किया जा रहा है. छठ से पूर्व इनकी मरम्मत आवश्यक है. कई जगहों पर सीढ़ियां और रेलिंग टूटी हैं. इन घाटों पर बने हुए पक्के मंडप डूबे हुए हैं.
पटना नगर निगम की ओर इन घाटों पर छठ की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. बुधवार को भी इन घाटों पर खराब हो चुकी लाइटों को ठीक किया जा रहा था. टूटे और पुराने तारों को बदला जा रहा था. प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन घाटों पर टावर लाइट भी लगायी जायेगी. इन तीन घाटों पर छठ व्रतियों की सबसे अधिक संख्या पटना कॉलेज की तरफ से आती है. ऐसे में पटना कॉलेज घाट पर प्रवेश गेट के पास ही टावर लाइट लगायी जायेगी. इन तीनों ही घाटों पर तीन-तीन वाच टावर भी बनाये जायेंगे.
पटना कॉलेज घाट, काली घाट और वंशी घाट पर करीब 20-20 चेंजिंग रूम बनाये जायेंगे. इसको लेकर आवश्यक तैयारी चल रही है. इन घाटों पर प्रशासन की ओर से शौचालय, कंट्रोल रूम आदि भी बनाये जायेंगे. पटना कॉलेज के गेट होकर व्रतियों के आने का मुख्य मार्ग यहां पर रहेगा. इसके साथ ही दरभंगा हाउस से कालीघाट का जो रास्ता अभी ग्रील लगाकर बंद कर दिया गया है उसे भी खोला जायेगा. वहीं वंशी घाट पर आने के लिए भी एप्रोच रोड बना है जो अशोक राजपथ से कनेक्ट हो जाता है.