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लॉकडाउन खत्म होते ही सरकारी अस्पतालों में उमड़ी भीड़, राजधानी पटना में मरीजों को बेड खाली होने का इंतजार…

पटना: राजधानी के अधिकांश सरकारी अस्पतालों के आइसीयू फुल हो गये हैं. गंभीर मरीजों के लिए शहर के आइजीआइएमएस, एनएमसीएच, पीएमसीएच, आइजीआइसी व एम्स जैसे सभी सरकारी अस्पताल मिला कर सिर्फ 347 बेडों के आइसीयू हैं. इनमें वेंटिलेटर की संख्या लगभग 120 है और हाइ डिपेंडेंसी यूनिट अलग से है. लेकिन वर्तमान में मरीजों की संख्या इससे दोगुनी है. डॉक्टरों की मानें, तो एम्स को छोड़ बाकी अस्पतालों की ओपीडी सेवा शुरू होने के बाद सामान्य से लेकर गंभीर मरीजों की भीड़ बढ़ गयी है.

पटना: राजधानी के अधिकांश सरकारी अस्पतालों के आइसीयू फुल हो गये हैं. गंभीर मरीजों के लिए शहर के आइजीआइएमएस, एनएमसीएच, पीएमसीएच, आइजीआइसी व एम्स जैसे सभी सरकारी अस्पताल मिला कर सिर्फ 347 बेडों के आइसीयू हैं. इनमें वेंटिलेटर की संख्या लगभग 120 है और हाइ डिपेंडेंसी यूनिट अलग से है. लेकिन वर्तमान में मरीजों की संख्या इससे दोगुनी है. डॉक्टरों की मानें, तो एम्स को छोड़ बाकी अस्पतालों की ओपीडी सेवा शुरू होने के बाद सामान्य से लेकर गंभीर मरीजों की भीड़ बढ़ गयी है.

आइसीयू के लिए 10 से 15 घंटे का इंतजार

बेड फुल होने से किसी मरीज को 10 तो किसी को 15 घंटे बाद भी आइसीयू में जगह नहीं मिल पा रही है. सबसे ज्यादा आफत पहले से बीमार मरीजों के साथ है. सूत्रों की मानें, तो लॉकडाउन में जो मरीज राजधानी के सरकारी अस्पताल नहीं पहुंच पाये व एम्स में सिर्फ कोरोना मरीजों के इलाज की वजह से वहां आने वाले सभी गंभीर मरीज बाकी अस्पतालों में आ रहे हैं. इससे भीड़ बढ़ गयी है.

कहां कितने बेडों का है आइसीयू

– आइजीआइएमएस 60 बेड

– एनएमसीएच 38 बेड

– आइजीआइसी 55 बेड

– पीएमसीएच 120, इसमें शिशु वार्ड में अलग से आइसीयू है

– एम्स में 76 बेड, जिनमें 64 बेड फुल हैं

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आइजीआइसी अस्पताल से लौटा मरीज 

खगड़िया जिले के रहने वाले 72 वर्षीय राजेंद्र कुमार को चेस्ट पेन होने के बाद परिजन आइजीआइसी अस्पताल लेकर गये. जहां डॉक्टरों ने हार्ट अटैक का लक्षण बताते हुए, आइसीयू में भर्ती होने की बात कही. बेड खाली नहीं होने की वजह से डॉक्टरों ने पीएमसीएच में रेफर कर दिया.

लकवा मरीज वापस लौटा 

बक्सर जिले के निवासी 67 वर्षीय राघवेंद्र कुमार को लकवे की शिकायत के बाद परिजन आइजीआइएमएस लेकर गये. अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बेड खाली थे, लेकिन आइसीयू में बेड खाली नहीं होने की वजह से लौटना पड़ा.

क्या कहते हैं अधिकारी

आइजीआइएमएस में मरीजों की संख्या इन दिनों काफी अधिक बढ़ गयी है. हमारे यहां 60 बेड का आइसीयू है, लेकिन जल्द ही 1200 व 500 बेड का नया अस्पताल बन रहा है. जिसमें 50 बेड का आइसीयू और अधिक बढ़ जायेगा.

डॉ मनीष मंडल, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, आइजीआइएमएस

आने वाले दिनों में बढ़ेंगे बेड

हृदय रोगियों का इलाज जमीन पर हम नहीं कर सकते, सभी मरीज को बेड व आइसीयू में भर्ती कर इलाज किया जाता है. आने वाले दिनों में यहां आइसीयू में अतिरिक्त बेड बढ़ जायेंगे, जल्द ही मरीजों को कई सुविधाएं अस्पताल में मिलने जा रही हैं.

डॉ अरविंद कुमार, निदेशक, आइजीआइसी

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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