पटना हाईकोर्ट ने पुलिस स्टेशनों की बदहाल स्थिति पर उठाया सवाल, मांगी प्रगति रिपोर्ट
Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने बिहार के पुलिस थानों की दयनीय स्थिति और बुनियादी सुविधाओं की कमी पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी. कोर्ट ने सरकार को अगले सुनवाई तक पुलिस स्टेशन भवनों के निर्माण और सुधार पर प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई मार्च 2025 में होगी.
Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने राज्य में पुलिस स्टेशनों की बुनियादी सुविधाओं की कमी और खराब स्थिति के मामले में सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. यह सुनवाई मार्च 2025 में होगी.
राज्य सरकार ने प्रस्तुत की प्रगति रिपोर्ट
कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार ने पुलिस थानों के भवनों के निर्माण और सुधार के बारे में रिपोर्ट पेश की. सरकार ने बताया कि पुलिस स्टेशन भवनों के निर्माण और सुधार के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से पुलिस थानों के लिए उपलब्ध फंड के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी थी.
मॉडल पुलिस थाने के निर्माण पर विचार
कोर्ट ने राज्य सरकार को एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था, जिसकी अध्यक्षता राज्य के विकास आयुक्त करेंगे, ताकि मॉडल पुलिस थाने के निर्माण पर विचार किया जा सके. राज्य सरकार ने बिहार और अन्य राज्यों के मॉडल पुलिस थाने के बारे में जानकारी दी थी.
पुलिस भवन निर्माण निगम में पदों की रिक्तता
कोर्ट ने यह भी पूछा था कि पुलिस स्टेशनों के निर्माण और सुधार के लिए फंड की जानकारी कब दी जा सकती है. राज्य सरकार ने बताया कि इस संबंध में पंद्रह दिनों में जानकारी प्रस्तुत कर दी जाएगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम में खाली पदों को लेकर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने राज्य सरकार को इन पदों को शीघ्र भरने का निर्देश दिया, ताकि पुलिस थानों के निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सके.
पुलिस थानों की बुनियादी सुविधाओं की स्थिति
अधिवक्ता सोनी श्रीवास्तव ने कोर्ट में बताया कि राज्य में 1263 पुलिस थाने हैं, जिनमें से 471 पुलिस स्टेशनों के पास अपना भवन नहीं है और वे किराए के भवनों में काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी भवनों में चल रहे करीब 800 थानों की भी स्थिति अच्छी नहीं है और वहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है.
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अगली सुनवाई मार्च 2025 में
इस मामले की अगली सुनवाई मार्च 2025 में होगी, जब राज्य सरकार को अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी और इस दिशा में किए गए प्रयासों का ब्योरा देना होगा.