पटना हाइकोर्ट ने जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट सहित अन्य एयरपोर्ट के विकास एवं उसके विस्तार के लिए दायर की गयी लोकहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने राज्य सरकार को कहा कि वह राज्य में स्थित विभिन्न एयरपोर्ट के विस्तार, विकास और उसके लिए किये जा रहे भूमि अधिग्रहण के संबंध में की जा रही कार्रवाई का पूरा ब्योरा एक सप्ताह में कोर्ट को दे .
कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी कहा कि वह राज्य में एयरपोर्ट के लिए किये जा रहे सर्वे का पूरा ब्योरा अगली सुनवाई में प्रस्तुत करे. इस मामले की सुनवाई के समय पटना स्थित जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट के निर्देशक कोर्ट में मौजूद थे. उन्होंने पटना और राज्य के अन्य एयरपोर्ट की स्थिति के संबंध में ब्योरा कोर्ट में पेश किया था. उनके द्वारा पटना एयरपोर्ट की समस्याओं को बताते हुए कहा गया था कि यहां हवाई जहाज की लैंडिंग की काफी समस्या है.
एयरपोर्ट के निर्देशक ने बताया कि सामान्य रूप से रनवे की लंबाई नौ हजार फुट होती है जो कि पूर्णिया व दरभंगा में उपलब्ध है,जबकि पटना में रनवे की लंबाई सिर्फ 6800 फुट ही है. एक ओर रेलवे लाइन और दूसरी ओर सचिवालय है. रन वे की लंबाई बढ़ाने के लिए सर्वे शुरू होगा. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से यह बताने को कहा है कि बिहार के सटे राज्य झारखंड, बंगाल, उत्तर प्रदेश, ओड़िशा,उत्तर पूर्व के राज्यों में कितने एयरपोर्ट हैं.
Also Read: चंपारण रेंज DIG ने मझौलिया थाने का किया निरीक्षण, 63 घंटे से स्टेशन डायरी थी पेंडिंग, थानाध्यक्ष निलंबित
अधिवक्ता अर्चना शाही ने कोर्ट को बताया कि संबंधित केंद्रीय मंत्री ने राज्य सभा में बताया था कि पटना एयरपोर्ट के विस्तार और विकास के लिये 1260 करोड़ रुपये की राशि निर्गत कर दी गयी है लेकिन इस धनराशि में से अब तक मात्र 32 प्रतिशत राशि ही खर्च किया गया है. राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा , भागलपुर , फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं का अभाव और सुरक्षा की भी समस्या है.