Bihar News: पटना हाइकोर्ट ने झंझारपुर कोर्ट में एडीजे अविनाश कुमार के साथ हुई बदसलूकी और मारपीट के मामले की सोमवार को सुनवाई करते हुए सवाल किया कि जज के चैबर मे लोडेड पिस्टल के साथ पुलिस कैसे प्रवेश कर गयी. कोर्ट ने यह सवाल सुनवाई के समय अदालत मे मौजूद पुलिस अधिकारी से किया. जस्टिस राजन गुप्ता व जस्टिस मोहित कुमार शाह के खंडपीठ इस मामले में जिला जज की रिपोर्ट को रिट याचिका में तब्दील कर उसकी सुनवाई की.
कोर्ट के निर्देश के बाद डीजीपी के हस्ताक्षर वाली जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में खंडपीठ को सौंपी गयी. रिपोर्ट को खंडपीठ ने देखा. खंडपीठ ने कोर्ट को इस मामले में सहयोग करने के लिए कोर्ट मित्र नियुक्त करने का निर्णय लिया है. मालूम हो कि 18 नवंबर 2021 झंझारपुर कोर्ट में एडीजे अविनाश कुमार के चैंबर में घोघरडीहा के एसएचओ ने गोपाल कृष्ण और दारोगा अभिमन्यु कुमार शर्मा ने गाली-गलौज व हाथापाई की थी. एसएचओ ने जज पर सर्विस पिस्तौल भी तान दी थी.
उसी दिन देर शाम मधुबनी के जिला जज द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उसे रिट याचिका में तब्दील करवा कर एक विशेष पीठ का गठन कर दिया. विशेष पीठ ने उसी दिन रात में सुनवाई की और कोर्ट ने सुनवाई के बाद मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के एसपी को नोटिस जारी किया. साथ ही कोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया था कि वह 29 नवंबर को इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपें.
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दोनों अधिकारियो को किया गया है निलंबित
महाधिवकता ललित किशोर ने बताया कि राज्य पुलिस निष्पक्ष व पारदर्श ढंग से अनुसंधान करने में सक्षम है. घटना में शामिल दोनों पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. उन्होने मामले की मॉनीटरिंग के लिए कोर्ट का आभार व्यक्त किया. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोर्ट चाहे, तो इसकी जांच सीबीआइ समेत किसी भी एजेसी से करवा सकता हैं.
Posted by: Radheshyam Kushwaha