पटना हाइकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए अनोखा फैसला दिया है. प्रेमिका की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे आरोपित को अब जेल से बाहर निकलने की अनुमति दे दी गई है. उसे 15 दिन के पैरोल पर बाहर निकलने की अनुमति उसकी पत्नी के इस याचिका की सुनवाई में मिली है कि वो नि:संतान है और संतान उत्पत्ति के लिए पति को रिहा कराना चाहती है. कोर्ट ने संविधान के द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार को देखते हुए ये फैसला लिया.
पटना हाइकोर्ट में इस याचिका पर दिया गया फैसला काफी चर्चे में है. प्रेमिका की हत्या के जुर्म में 2012 से जेल की सजा काट रहा कैदी अब बाहर आएगा. उसे 15 दिनों की पैरोल मिल गयी है. उसे बाहर लाने के लिए उसकी पत्नी लगातार कोर्ट के दरवाजे खटखटा रही थी.मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आजीवन कारावास भुगत रहा युवक बिहारशरीफ के रहुई प्रखंड के उत्तरनावां गांव का निवासी विक्की आनंद बताया जा रहा है. उसकी पत्नी रंजीता पटेल ने 2019 में ही अपने पति को बाहर लाने की याचिका दायर की थी.
कानूनी मामले के जानकारों की मानें तो बिहार में इस तरह के मामले में पहले कभी पैरोल नहीं मिला था. अभी तक अपनों के अंतिम संस्कार, शादी व किसी इमरजेंसी मामले में जरुर पैरोल मिला है. पर संतान उत्पत्ति का यह पहला मामला है.पटना हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पति के जुर्म के कारण पत्नी की जिंदगी खराब नहीं होनी चाहिए. वंश वृद्धि उसका मौलिक अधिकार है.
बता दें कि अभियुक्त विक्की अपनी प्रेमिका की हत्या के जुर्म में सजा काट रहा है.मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उसका प्रेम प्रसंग किसी और लड़की के साथ चल रहा था जबकि शादी उसने परिवार वालों के पसंद से लाई गई लड़की से की. शादी के बाद उसकी प्रेमिका उसे साथ रखने का दवाब बनाने लगी. जिसके बाद उसने उसे रास्ते से हटाना उचित समझ उसकी हत्या कर दी. उसने सन 2012 में प्रेमिका को बहाने से बुलाकर कमरे में बंद कर उसके शरीर में आग लगा दी.गंभीर हालत में उसे पीएमसीएच में भर्ती किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. मरने के पहने उसने पुलिस को पूरा बयान दिया था और विक्की को मौत का जिम्मेदार बताया था.
Posted By: Thakur Shaktilochan