पटना हाई कोर्ट ने पटना शहर के मुख्य नहर के बांध व चांट की जमीन पर अतिक्रमणकारियों द्वारा किये गए अवैध अतिक्रमण को लेकर दायर लोकहित याचिका पर आज बुधवार को सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि हर हाल में सरकारी जमीन पर किये गए अतिक्रमण को हटाना होगा. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने राज किशोर श्रीवास्तव द्वारा पटना में अतिक्रमण को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की है.
कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान कुछ अतिक्रमणकारियों की ओर से उनके अधिवक्ता कोर्ट में उपस्थित हुए. उन्होंने याचिका पर सुनवाई के लिए कोर्ट से समय की मांग की जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए इस मामले को अगली सुनवाई तक के लिए टाल दिया. कोर्ट ने सुनवाई के लिए आगामी 5 दिसंबर की तिथि को निर्धारित किया है. कोर्ट द्वारा इसके पहले दानापुर के अंचलाधिकारी को अतिक्रमण हटाकर अनुपालन के संबंध में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया था. उक्त नहर के बांध व चांट की भूमि पर अतिक्रमण की स्थिति को दानापुर के अंचलाधिकारी ने कोर्ट में भी स्वीकार किया है. अंचलाधिकारी ने 5 मई, 2022 को कोर्ट को स्वयं बताया था कि अगले चार सप्ताह में कम से कम 70 फीसदी अतिक्रमण को हटा दिया जाएगा.
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खगौल के सोन नहर प्रमंडल द्वारा अतिक्रमण वाद दायर करने के लिए दानापुर के अंचलाधिकारी को एक पत्र भी लिखा गया था, लेकिन अभी तक इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई और न ही अतिक्रमण हटाया गया. सोन नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता द्वारा दानापुर के अंचलाधिकारी को अतिक्रमणकारियों की सूची भी दी गई है. कार्यपालक अभियंता ने अपने पत्र में विभागीय मुख्य नहर के बांध व चांट की भूमि पर किये गए अतिक्रमण पर अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध अतिक्रमण वाद दायर कर ठोस फॉलो अप कार्रवाई करने हेतु अनुरोध किया था ताकि विभागीय भूमि अतिक्रमणकारियों से मुक्त हो सके.