पटना हाइकोर्ट ने कोरोनाकाल में शिक्षकों व संविदा कर्मियों की मदद के लिए हेल्थ केयर प्रोवाइडर की तर्ज पर बीमा योजना का लाभ दिलाने संबंधित एक याचिका पर सुनवायी की. अदालत ने इस मामले को सरकार के समक्ष रखने को कहा है.वहीं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को तीन महीने के अंदर उचित कार्रवाई करने का आदेश भी दिया है. इस मामले की सुनवाई डिजिटल मोड पर की जाएगी. मामले पर विचार करने के बाद नियमानुसार फैसला लिया जाएगा.
सोमवार को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश संजय करोल व न्यायधीश एस कुमार की खंडपीठ ने आनंद कौशल की एक याचिका पर सुनवाई की. यह मामला कोरोना पीड़ितों की मदद कर रहे शिक्षकों और अन्य संविदा कर्मियों को भी हेल्थ केयर प्रोवाइडर के तर्ज पर इंश्योरेंस स्कीम सहित अन्य सुविधाएं देने से जुड़ा है. अदालत ने सरकार को तीन महीने के अदंर इस मामले में फैसला लेने को कहा. निर्णय से पहले शिक्षकों के पक्ष को भी सुनने का निर्देश दिया गया है.
दरअसल, हाइकोर्ट में दायर की गयी याचिका के जरिये मांग की गई थी कि शिक्षक समेत अन्य संविदाकर्मियों जिसमें किसान सलाहकार, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, विकास मित्र, पंचायत रोजगार सेवक वगैरह शामिल हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलना चाहिए. मांग में कहा गया है कि ये लोग भी कोरोना पीड़ितों की मदद करते हैं.
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इस याचिका में बिहार के विभिन्न कोरेंटिन सेंटरों व कैंप में काम कर रहे शिक्षकों व अन्य संविदा कर्मियों के लिए पीपीई किट, मास्क, सैनेटाइजर आदि को मुहैया कराने का भी आग्रह किया गया है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan