पटना हाइकोर्ट ने बुधवार को कहा कि किसी भी बैंक से साइबर अपराधियों द्वारा किसी व्यक्ति के पैसे की निकासी की जाती है और उस बैंक को अगर संबंधित उपभोक्ता जानकारी देता है, तो बैंक मैनेजर को तत्काल उस मामले की प्राथमिकी नजदीकी थाने में दर्ज करानी होगी.
हाइकोर्ट ने सभी थानाध्यक्षों को यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति बैंक फ्रॉड के संबंध में उनके यहां लिखित शिकायत करता है और इस बारे में जानकारी दी जाती है, तो उन्हें तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर देनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो यह अदालती आदेश का अवमानना माना जायेगा और दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जा सकती है.
न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिये. पीठ ने इस मामले को लेकर कदमकुआं थाने के अध्यक्ष को अगली सुनवाई पर कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश भी दिया, क्योंकि उन्होंने इस मामले की लिखित िशकायत मिलने के बावजूद प्राथमिकी दर्ज नहीं की.
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हाइकोर्ट में सभी टेलीकॉम कंपनियों को भी निर्देश दिया कि साइबर क्राइम की जानकारी मिलने के बाद बिहार के बाहर किन-किन राज्यों में कितनी प्राथमिकी उन्होंने दर्ज करायी है, इसकी पूरी जानकारी अगली सुनवाई पर कोर्ट को उपलब्ध कराएं.