बिहार में नेपाली नागरिक बताकर हटाए गए मुखिया को हाईकोर्ट ने लौटायी कुर्सी, चुनाव आयोग का आदेश रद्द
बिहार के सीतामढ़ी जिले में एक पंचायत के मुखिया को नेपाली नागरिक बताकर चुनाव आयोग ने पद से हटा दिया था. पटना हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग का आदेश रद्द कर दिया है.
Bihar News: सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड के भलुआहा ग्राम पंचायत के मुखिया को नेपाल का नागरिक बता कर उनके पद से हटाए के मामले पर दायर की गई याचिका पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह इस विवाद को केंद्र सरकार के पास विचार के लिए भेजे ताकि यह पता चल सके कि याचिकाकर्ता ने स्वेच्छा से नागरिकता हासिल की थी या नहीं. मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने बिल्टू राय द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
अब केंद्र सरकार को भेजा गया मामला…
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तब तक अपीलकर्ता मुखिया के पद पर बने रहने का हकदार होगा. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग के उस आदेश को ख़ारिज कर दिया जिसके तहत मुखिया को उसके पद से हटा दिया गया था. साथ ही खंडपीठ ने एकलपीठ के भी फैसले को भी निरस्त कर दिया जिसने राज्य चुनाव आयोग के फ़ैसले की पुष्टि की थी.
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क्या कहते हैं अपीलकर्ता के वकील?
अपीलकर्ता के अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि अपीलकर्ता नेपाल में व्यवसाय कर रहा था और उसने कभी नेपाल में नागरिकता के लिए आवेदन नहीं किया था. उन्होंने कहा कि नेपाल सरकार ने नागरिकों के डेटा प्राप्त करने के लिए एक जमीनी स्तर का सर्वेक्षण किया था. जिसके कारण उसे मतदाता सूची में शामिल किया गया था.
अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया…
अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि केवल मतदाता सूची में नाम शामिल होने से किसी को वहां की नागरिकता नहीं मिल जाती .चुनाव आयोग की ओर से वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि याचिकाकर्ता ने नेपाल की नागरिकता स्वीकार कर ली थी और चुनाव आयोग अयोग्यता के पहलू पर विचार करने का हकदार था .
क्या है पूरा मामला?
सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड के भलुआहा पंचायत के मुखिया बिल्टू राय उर्फ बिलट उर्फ बिलट प्रसाद यादव को राज्य निर्वाचन आयोग ने अयोग्य ठहरा दिया था. परसा खुर्द के निवासी मुकेश कुमार साह ने शिकायत की थी कि भलुआहा पंचायत के मुखिया नेपाल के नागरिक हैं. आयोग ने फैसला सुनाते हुए बिल्टु राय को मुखिया पद से हटा दिया था. शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने तब कहा था कि बिल्टु राय 2007 से ही नेपाल के नागरिक हैं और उन्होंने इस बात को स्वीकार भी किया है.