कोरोनावायरस के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर अब देशभर में सतर्कता बढ़ा दी गई है. बिहार में भी कोरोना के नये मामले पांव पसारने लगे तो तीसरी लहर की आशंका के बीच अब पटना हाईकोर्ट ने सरकारी व्यवस्था पर अपनी निगरानी तेज कर दी है. राज्य में कोरोना से जुड़े याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार को नये सिरे से हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को शिवानी कौशिक व अन्य की लोकहित याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने इस मामले में अब 24 दिसंबर को अगली सुनवाई का आदेश दिया है. पिछली सुनवाई में सरकार के तरफ से जो हलफनामा पेश किया गया था उससे अदाल संतुष्ट नहीं थी. इसमें राज्य के अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं , स्टॉफ, डॉक्टर, दवा आदि का जो ब्यौरा सरकार के तरफ से दिया गया था उससे अदालत संतुष्ट नहीं थी. अब नये सिरे से जानकारियों के साथ हलफनामा पेश किया जाएगा.
अदालत ने इस मामले में ऑनलाइन सुनवाई की. जिसमें कोर्ट के समक्ष स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव व सभी जिलों के सिविल सर्जन जुड़े थे. स्वास्थ्य विभाग के विरोधाभासी हलफनामे पर प्रत्यय अमृत ने अफसोस जाहिर किया और अदालत को आश्वस्त किया कि अगली सुनवाई में सही तथ्यों के साथ डिटेल में जानकारी देकर हलफनामा दायर किया जाएगा.
सभी जिलों के सिविल सर्जन को यह निर्देश दिया गया है कि वो अपने यहां के सरकारी अस्पतालों का ब्यौरा तथ्यों के साथ दें. बता दें कि सभी जिला के सिविल सर्जनों ने अपने यहां की तैयारी और आगे किये जाने वाले कामों के बारे में बताया है. हालांकि अब नये सिरे से सारा ब्यौरा दिया जाएगा.
Posted By: Thakur Shaktilochan