पटना हाइकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को राज्य के 2459 अनुदानित मदरसों की जांच करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को कहा है कि वह तुरंत सूबे के सभी जिलाधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर एक बैठक करें और उनके संसाधनों के बारे में जांच करें. कोर्ट ने कहा कि जांच पूरी होने तक 609 मदरसों को अनुदान की राशि नहीं दी जाए.
डीजीपी को अनुसंधान की जानकारी देने का निर्देश
कोर्ट ने राज्य के डीजीपी भट्टी को कहा कि जाली कागजात के आधार पर मदरसों को दी गयी मान्यता को लेकर जो प्राथमिकी दर्ज हुई है, उसके अनुसंधान के संबंध में पूरी जानकारी अगली सुनवाई में कोर्ट को दें.
फर्जी कागजात पर मदरसों ने लिया सरकारी अनुदान
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सीतामढ़ी जिला के मो अलाउद्दीन बिस्मिल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक मो तस्नीमुर रहमान ने सीतामढ़ी जिला के सरकारी अनुदान लेने वाले मदरसों की जो जांच रिपोर्ट दी है, उसमें कहा गया है कि सीतामढ़ी जिला में फर्जी कागजात पर करीब 88 मदरसों ने सरकारी अनुदान ले लिया है.
Also Read: तेजस्वी यादव ने राघोपुर को दी 60 करोड़ की सौगात, 40 सड़क व पुलिया का किया शिलान्यास
जांच के लिए तीन सदस्यी कमेटी का गठन
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि फर्जी कागजात पर अनुदान लेने वाले सभी मदरसों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए. उनका कहना था कि शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने हाइकोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया है कि राज्य के अन्य जिलों के 609 मदरसों ऐसे हैं जिन्होंने सरकारी अनुदान प्राप्त किया हैं, उन सभी के जांच के लिए एक तीन सदस्यी कमेटी का गठन किया गया है.