पटना हाइकोर्ट ने मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर की नियुक्ति के लिए आयोजित की गयी परीक्षा में बरती गयी अनियमितता के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और बिहार लोक सेवा आयोग से 14 अक्तूबर तक जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विनोद कुमार द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के 90 पदों पर बहाली के लिए बीपीएससी ने 2020 में विज्ञापन प्रकाशित किया था . पांच और छह मार्च, 2022 को इन पदों पर बहाली के लिए परीक्षा आयोजित की गयी.
इस परीक्षा में पटना के शास्त्रीनगर राजकीय बालिका उच्च विद्यालय के परीक्षा केंद्र पर एक ही कमरे में 28 उम्मीदवारों को सीट आवंटित किया गया . सभी उम्मीदवार लड़कियां थी . इन 28 लड़कियों में से 24 लड़कियां परीक्षा में एक क्रम से सफल घोषित हुई.
अधिवक्ता दीनू कुमार ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि बीपीएससी और सरकारी अधिकारियों के साथ इन सभी उम्मीदवारों की मिलीभगत थी जिससे इतने बड़े पैमाने पर धांधली और भ्रष्टाचार हुआ है . उन्होंने बताया कि जब इस गड़बड़ी और धांधली का समाचार समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ तो किसी तरह की जांच और कार्रवाई नहीं की गई .
सरकार, बीपीएससी, निगरानी और आर्थिक अपराध इकाई ने भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को नौ अगस्त,2022 को अभ्यावेदन भी दिया जिस लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई .
उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि इस परीक्षा को रद्द कर मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर की बहाली के लिए फिर से पारदर्शी और सही ढंग से परीक्षा आयोजित की जाये. इस तरह के परीक्षा के परिणाम के आधार पर किसी भी प्रकार की नियुक्ति नहीं की जाये.
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उन्होंने बताया कि 67वी बीपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा में इसी तरह की अनियमितता के मामले की जानकारी मिलने पर राज्य सरकार ने परीक्षा रद्द कर नये सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया था. इस मामले पर अगली सुनवाई 14 अक्तूबर 2022 को फिर की जायेगी.