पटना : पटना हाइकोर्ट ने कोटा समेत अन्य राज्यों में लॉक डाउन के दौरान फंसे बिहारी छात्रों को वापस बिहार लाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को केंद्र व राज्य सरकार से 27 अप्रैल तक जवाब तलब किया है. न्यायाधीश हेमंत कुमार श्रीवास्तव और न्यायधीश न्यायमूर्ति आर के मिश्रा की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार से यह जानना चाहा है कि लॉक डाउन के दौरान कई दूसरे राज्य अपने यहां के बच्चों को कोटा से कैसे वापस लाये हैं.कोर्ट का कहना था कि अगर दूसरे राज्य सरकारें अपने बच्चों को दूसरे राज्य से वापस ला सकती है तो बिहार सरकार दूसरे राज्य में पढ़ रहे बच्चों को अपने राज्य में वापस क्यों नहीं ला सकती है.
कोर्ट को अधिवक्ता अजय कुमार ठाकुर ने बताया कि सरकार द्वारा विदेशों से लोगों को लाया गया है. लेकिन, देश के अंदर फंसे हुए इन विद्यार्थियों नहीं लाया जा रहा है . ऐसा नही होने से छात्र – छात्राओं को अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. श्री ठाकुर ने कोर्ट को यह भी बताया की देश के भीतर भी मुजफ्फपुर, भोजपुर व नवादा के अधिकारियों द्वारा भी कोटा में पढ़ रहे विद्यार्थियों को बिहार में वापस लाने की अनुमति दी गयी है.इस स्थिति में सरकार बिहार के अन्य बच्चों को भी जो दूसरे राज्य में रह कर पढ़ रहे हैं, अपने अस्तर से बिहार लाये, ताकि बच्चे अपने परिवार के पास सुरक्षित पहुंच सके.
बता दें कि राजस्थान के कोटा शहर में लॉकडाउन के कारण बिहार के हजारों छात्र फंसे हुए हैं. वहीं शुक्रवार को कोटा में फंसे बिहार के छात्र अब अपनी घर वापसी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गये थें. प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा में फंसे छात्र बिहार सरकार से अपने घर जाने के लिए बसें भेजने की अपील कर रहे हैं. कोटा में फंसे बिहार के छात्रों का कहना है कि जब कई दूसरे राज्यों के छात्र यहां से अपने घर जा चुके हैं ऐसे में हमें भी यहां से ले जाने की व्यवस्था की जाए. हालांकि, बिहार सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि कोटा से छात्रों को लाना फिलहाल संभव नहीं है.