महिलाओं से छेड़खानी मामले पर अदालत सख्त, बिहार डीजीपी व प्रधान सचिव को हाईकोर्ट का निर्देश

महिलाओं के साथ होने वाली छेड़खानी पर रोक लगाने को लेकर ठोस कार्रवाई करने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में नीति बनाने की मांग को लेकर हाइकोर्ट में दायर लोकहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रधान सचिव को इस मामले में उचित निर्णय लेने को कहा.

By Prabhat Khabar News Desk | July 21, 2021 9:52 AM

महिलाओं के साथ होने वाली छेड़खानी पर रोक लगाने, इससे छुटकारा दिलाने को लेकर ठोस कार्रवाई करने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में नीति बनाने की मांग को लेकर हाइकोर्ट में दायर लोकहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. इस सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रधान सचिव को कहा कि वे इस मामले में उचित निर्णय लें.

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने अधिवक्ता ओम प्रकाश कुमार द्वारा दायर लोकहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि वर्ष 2013 में ही सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को छेड़छाड़ से बचाने को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किये थे, लेकिन राज्य में इसे अब तक लागू नहीं किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को राज्य सरकार द्वारा लागू करना अनिवार्य है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये दिशा-निर्देश में शिक्षण संस्थान, कार्यरत महिलाओं के कार्य स्थल के साथ-साथ उसके रहने के हॉस्टल, बाजार, सिनेमा हॉल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सार्वजनिक परिवहनों, रेल व धार्मिक स्थलों पर महिला पुलिस को तैनात करने का आदेश है.

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इस मामले में जल्द कार्रवाई के लिए हर जिले में फास्ट ट्रैक वीमेंस फ्रेंडली कोर्ट का गठन किये जाने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने देते हुए कहा है कि इस संबंध में बुकलेट, होर्डिंग आदि व इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार करना चाहिए.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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