बिहार में बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने के लिए पेट्रोल डीजल से चलने वाली चार चक्का वाहनों को पुरे गारंटी वारंटी के साथ सीएनजी में परिवर्तित करने के लिए दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने राज्य व केंद्र सरकार से जबाव तलब किया है. इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका कर्ता को कहा कि वह अगली तिथि तक राज्य में प्रदूषण के बारे में एक पूरक हलफनामा दायर करें. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने अधिवक्ता शम्भू शरण सिंह की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया .
राज्य सरकार के परिवहन विभाग की ओर से इस मामले में जबाव दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि राज्य में फ़िलहाल 47 सीएनजी पम्प स्टेशनों से वाहनों को सीएनजी गैस की आपूर्ति की जा रही है. वहीं अगले वित्तीय वर्ष में 90 नये सीएनजी गैस पम्प स्टेशनों से वाहनों में सीएनजी गैस की आपूर्ति की जाएगी. गेल, आईओसीएल सहित चार सीएनजी गैस एजेंसी सीएनजी गैस पंप स्टेशन (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) लगाने के काम में जुटी हुई है. पटना में 19 सीएनजी पम्प स्टेशनों से वाहनों को सीएनजी गैस का आपूर्ति किया जा रहा है वही अगले वित्तीय वर्ष में 11 नये सीएनजी पम्प स्टेशन को चालू कर दिया जायेगा.
राज्य के 11 जिलों में सीएनजी गैस पंप स्टेशन लगाने का काम तेजी से चल रहा है . अगले वित्तीय वर्षो में 16 नए जिलों में सीएनजी गैस पम्प स्टेशन लगा दिया जायेगा. पटना, गया, मुज्जफरपुर, वैशाली, जहानाबाद, भोजपुर, रोहतास, समस्तीपुर, कैमूर, नालंदा तथा बेगूसराय जिलों में 47 सीएनजी गैस पंप स्टेशन से वाहनों में गैस की आपूर्ति की जा रही है. सिर्फ तीन जिला पटना गया और मुज्जफरपुर में जुलाई मध्य तक 25 हजार 314 वाहनों को 21 लाख 61 हजार 831 किलो गैस की आपूर्ति की गई है. प्रत्येक माह सीएनजी की बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है.
कोर्ट में बताया गया कि सरकार सीएनजी को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है. संबंधित विभाग ने अपने जबाव में कहा है कि राज्य सरकार पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने की दिशा में हर संभव कार्य कर रही है और सीएनजी गैस को बढ़ावा दे रही है . इस मामले पर अगली सुनवाई अगले वर्ष 25 जनवरी को फिर से की जाएगी .